झारखंड

4 जुलाई को JMM केंद्रीय समिति की बैठक

Tara Tandi
3 July 2023 7:15 AM GMT
4 जुलाई को JMM केंद्रीय समिति की बैठक
x
झारखंड में तमाम पार्टियां अब 2024 के चुनाव को लेकर एक्शन मोड में आ गई हैं और सत्ता की लड़ाई के बीच रणनीतियां और बैठकों का दौर जारी है. इस बीच सत्ता की अगुआ झारखंड मुक्ति मोर्चा भी अब 2024 के चक्रव्यूह को रचने में जुट गई है. JMM ने चार जुलाई को केंद्रीय समिति की बैठक बुलाई है. जिस पर सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है. 2024 के चुनाव को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के साथ ही JMM भी एक्टिव मोड में है. झारखंड के लिए 2024 का साल इसलिए भी अहम है क्योंकि प्रदेश में लोकसभा के साथ ही विधानसभा का चुनाव भी होना है. ऐसे में सत्ताधारी JMM चुनावी रण के लिए कमर कस रही है. 2024 के चक्रव्यूह को रचने की कवायद का पहला कदम होगा झारखंड मुक्ति मोर्चा केंद्रीय समिति की 4 जुलाई को होने वाली बैठक.
बैठक को लेकर बयानबाजी तेज
दरअसल, JMM अध्यक्ष शिबू सोरेन की अध्यक्षता में 4 जुलाई को पार्टी के केंद्रीय समिति की मीटिंग होने वाली है. इस बैठक में सीएम हेमंत सोरेन भी मौजूद रहेंगे. इसके अलावा केंद्रीय समिति से सभी सदस्य इस बैठक में शामिल होंगे. JMM की इस अहम बैठक में 2024 चुनाव की रणनीति पर मंथन होगा. साथ ही लोकसभा चुनाव में सीटों के फॉर्मूले पर भी चर्चा की जाएगी. महागठबंधन के अंदर पार्टी के स्टैंड पर बातचीत होगी और विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर भी रणनीति बनाई जाएगी. बैठक में सभी जिलाध्यक्ष-जिला सचिवों के साथ ही जिला स्तर के पार्टी पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे और इस दौरान जिलाध्यक्षों और जिला सचिवों से फीडबैक भी लिया जाएगा.
बीजेपी और JMM आमने-सामने
एक तरफ JMM की नजर केंद्र में सत्ता परिवर्तन के लिए विपक्षी एकजुटता की गोलबंदी को ताकत देने पर है तो दूसरी ओर सूबे की सत्ता का आगे भी बरकरार रखना भी पार्टी के लिए बड़ी चुनौती है. ऐसे में ये बैठक चुनावी रणनीति के लिए बेहद अहम होने वाली है. JMM बैठक की तैयारियों में जुटी है तो बीजेपी भी जनसंपर्क अभियान के जरिए सीटों को साधने की पूरी कोशिश कर रही है. साथ ही बीजेपी को JMM की बैठक रास भी नहीं आ रही. बीजेपी की मानें तो 2024 में झारखंड के तमाम लोकसभा सीटों पर कमल खिलेगा.
झारखंड में अब तमाम सियासी पार्टियां, मिशन 2024 को मजबूती देने और आगमी सत्ता की चाबी हासिल करने के लिए जोर आजमाइश में जुट गई है. धीरे-धीरे सत्ता की चाबी हासिल करने का संग्राम और रोचक होता नजर आयेगा, जब सदन के लिए संघर्ष सड़क पर होता दिखेगा.
Next Story