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रांची (आईएएनएस)| झारखंड में बनाई जा रही बिजली से पड़ोसी देश बांग्लादेश के कई इलाके रोशन हो रहे हैं। गोड्डा जिले के मोतिया में नवनिर्मित अडाणी पावर प्लांट में 800 मेगावाट क्षमता वाली पहली यूनिट से बांग्लादेश को फिलहाल 748 मेगावाट बिजली भेजी जा रही है। इसके लिए पावर ग्रिड कंपनी ऑफ बांग्लादेश- पीजीसीबी ने चपाईं नवाबगंज सीमा से बोगरा उपकेंद्र तक 134 किलोमीटर लंबी ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण कराया है।
बांग्लादेश में बिजली की भारी कमी रही है। वहां न तो कोयले और पेट्रोल के भंडार हैं और न जलविद्युत परियोजनाओं की खास संभावना। इसके चलते उसे या तो अपने पड़ोसियों से बिजली आयात करनी पड़ती है या फिर अपने यहां पावर प्रोजेक्ट्स के लिए बाहर से सहायता लेनी पड़ती है। ऐसे में गोड्डा के अडाणी पावर प्लांट से बिजली सप्लाई शुरू होने से पड़ोसी देश को बड़ी राहत मिली है।
गौरतलब है कि गोड्डा पावर प्रोजेक्ट ने जून 2015 के बाद तब आकार लिया, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बांग्लादेश की यात्रा पर गये थे। वहां प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ मुलाकात में बांग्लादेश में भारतीय ऊर्जा कंपनियों के जरिए बिजली मुहैया कराये जाने पर सहमति बनी थी। प्रधानमंत्री की बांग्लादेश यात्रा के बाद इस दिशा में प्रगति हुई। 11 अगस्त 2015 को अडानी और बांग्लादेश ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए और दो साल बाद अप्रैल 2017 में शेख हसीना की नई दिल्ली यात्रा के दौरान इम्प्लीमेंटेशन एग्रीमेंट पर मुहर लगी। अडानी के साथ बांग्लादेश का करार 25 साल का है।
गोड्डा स्थित अडाणी पावर प्लांट अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित है। कंपनी के अनुसार यह भारत का पहला पावर प्लांट है, जिसे 100 प्रतिशत फ्लू गैस डीसल्फराइजेशन (एफजीडी), एससीआर और जीरो वॉटर डिस्चार्ज के साथ ऑपरेट किया जा रहा है। इस प्लांट से कुल 16 सौ मेगावाट बिजली के उत्पादन के लिए दो यूनिटें स्थापित की गई हैं। पहली यूनिट ऑपरेशनल हो गई है, जबकि दूसरी यूनिट से अगले कुछ महीनों में प्रोडक्शन शुरू करने का लक्ष्य है। बांग्लादेश को बिजली सप्लाई के पूर्व चार महीने तक ट्रायल चला। शर्तों के मुताबिक इस प्लांट से उत्पादित बिजली का 25 फीसदी हिस्सा झारखंड को दिया जाना है। अडाणी समूह झारखंड को दी जाने वाली यह 400 मेगावाट बिजली एनटीपीसी से खरीदकर उपलब्ध करायेगा।
--आईएएनएस
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