झारखंड
झारखंड की बेटियों ने चौबे कॉमनवेल्थ गेम्स में हासिल किया गोल्ड, भारत का बढ़ाया मान
Ritisha Jaiswal
3 Aug 2022 8:46 AM GMT
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झारखंड की बेटियों ने एक बार फिर देश-विदेश में अपने राज्य और घर परिवार का नाम रौशन किया है.
झारखंड की बेटियों ने एक बार फिर देश-विदेश में अपने राज्य और घर परिवार का नाम रौशन किया है. दरअसल बर्मिंघम में चल रहे कॉमनवेल्थ गेम्स में लॉन बॉल में पहली बार भारत ने इतिहास रचा. बर्मिंघम में भारतीय महिला लॉन बॉल टीम ने सफलता की लकीर खींची. मंगलवार को लॉन बॉल में महिला टीम ने दक्षिण अफ्रीका को 17-10 से हरा कर गोल्ड जीता. कॉमनवेल्थ गेम्स के 92 साल के इतिहास में यह पहला मौका है, जब भारतीय लॉन बॉल्स महिला टीम ने कोई मेडल जीता है. जिन चार लडकियों ने विमेंस-4 में सोने का तमगा हासिल किया, उनमें दो झारखंड की हैं, रूपा रानी तिर्की और लवली चौबे. दोनों ने चुनौतियों से जुझते ही सात समंदर पार तिरंगा लहराया है. आइये, जानते हैं दोनों के घर परिवार के किस्से और बर्मिंघम तक के सफर को.
भारतीय महिला लॉन बॉल्स टीम ने सोमवार को महिला फोर्स (चार खिलाड़ियों की टीम) स्पर्धा के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड को 16-13 से हराकर राष्ट्रमंडल खेलों में अपना ऐतिहासिक पहला पदक पक्का किया. भारतीय टीम पहली बार राष्ट्रमंडल खेलों में महिला फोर्स प्रारूप के न केवल फाइनल में पहुंची, बल्कि दक्षिण अफ्रीका को हराकर गोल्ड अपने नाम किया. टीम में लवली चौबे (लीड), पिंकी (सेकेंड), नयनमोनी सेकिया (थर्ड) और रूपा रानी तिर्की शामिल हैं. जिसमें दो खिलाड़ी लवली चौबे और रूपा रानी तिर्की का झारखंड और टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के साथ खास नाता है.
रूपा रानी फिलहाल रामगढ़ की जिला खेल पदाधिकारी हैं. हालांकि सरायकेला खरसावां से ट्रांसफर किये जाने के बाद अब तक औपचारिक तौर पर योगदान रामगढ़ में नहीं दिया है. उनका घर राजधानी रांची के सुजाता चौक के समीप है. पूर्व में रूपा सरकारी स्कूल की शिक्षिका रह चुकी हैं. इससे पहले वह 2004 से डे बोर्डिंग में रह कर कबड्डी खेलती थी. 2007 से लॉन बॉल खेलना शुरू किया. रूपा के पिता नहीं हैं बावजूद इसके सफर रूका नहीं. माँ अनीता तिर्की ने ही हर कदम पर सपोर्ट किया. इस वजह से वह आज एक नई मुकाम हासिल कर रही हैं. अनीता ने बेटी की कामयाबी के पीछे उसकी कड़ी मेहनत और लगन को सबसे बड़ा जरिया बताया है.
रूपा के पति सरायकेला के पीडब्ल्यूडी विभाग में असिस्टेंट इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं. पिछले कॉमनवेल्थ गेम्स में लॉन बॉल की टीम एक अंक की वजह क्वार्टर फाइनल में हार गई थी और वह पदक से चूक गई थी. इस बार टीम ने अपना दमदार प्रदर्शन जारी रखते हुए दक्षिण अफ्रीका को परास्त कर पदक पक्का किया.
लवली चौबे कांके के गांधीनगर में अपने परिवार के साथ रहती हैं. वह लॉन्ग जम्प की एथलीट रह चुकी हैं. इंजरी की वजह से लवली ने लॉन्ग जम्प छोड़ दिया और लॉन बॉल खेलने लगी. इसी में अपना ध्यान लगा कर प्रदर्शन करने लगी. अभी लवली झारखंड पुलिस में कांस्टेबल की नौकरी कर रही हैं. पिता पहले सीसीएल में कार्यरत थे जो अब रिटायर हो चुके हैं. लवली के घर में कुल चार बहन और एक भाई है. इन तीन बहनों में लवली सबसे छोटी है..
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