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रांची (आईएएनएस)। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कोयला खनन परियोजनाओं का नामकरण राज्य के महापुरुषों, दर्शनीय स्थलों या स्थानीय गांवों, पंचायतों के आधार पर करने की मांग की है। उन्होंने इसे लेकर केंद्रीय खनन एवं कोयला मंत्री को पत्र लिखा है। हेमंत सोरेन ने पत्र में लिखा है कि कोल इंडिया लिमिटेड, निजी कंपनियों एवं अन्य लोक उपक्रमों द्वारा संचालित खनिज परियोजनाओं का नामकरण भारत सरकार द्वारा स्थानीय जनमानस की भावनाओं, परंपरा, संस्कृति आदि के आधार पर नहीं किया जा रहा है।
उन्होंने चतरा जिला में संचालित खनन परियोजनाओं आम्रपाली कोयला परियोजना, अशोक कोयला परियोजना एवं मगध कोयला परियोजना का उदाहरण दिया है।
सीएम ने यह भी कहा है कि इन कंपनियों द्वारा स्थानीय जन भावनाओं की संस्कृति, परंपरा और इतिहास को उचित सम्मान नहीं दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि झारखंड की पहचान एक खनिज संपदा बहुल राज्य के रूप में स्थापित हुई है और देश के विकास में इसका अहम योगदान है। खनिजों से प्राप्त राजस्व का बड़ा भाग कोयला खनिज से ही प्राप्त होता है, जिसका लगातार दोहन किया जा रहा है। इसलिए यहां की संस्कृति, परंपरा और इतिहास को उचित सम्मान दिया जाए।
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