झारखंड की रिसर्च से लेकर स्टार्टअप शुरू करने तक की सुविधाएं होंगी
राँची: नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी, एनआईएएमटी रांची में लगभग 50 करोड़ की लागत से गोल्डन जुबली सेंटर फॉर एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग का निर्माण किया जा रहा है। जो पांच फ्लोर और 5000 स्क्वायर मीटर में है। यह सेंटर नई तकनीकों व संसाधनों से लैस होगा। जिसमें एडवांस्ड मेन्युफैक्चरिंग के विभिन्न आयामों पर रिसर्च कर सकेंगे, नए उपकरणों की ट्रेनिंग ले सकेंगे, प्रोटोटाइप विकसित कर सकेंगे, साथ ही स्टार्टअप शुरू करने की भी सुविधा होगी।
संस्थान के डायरेक्टर डॉ. पीपी चट्टोपाध्याय ने बताया कि 2020 में शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार की ओर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फाउंड्री एंड फोर्ज टेक्नोलॉजी, निफ्ट हटिया का नाम बदलकर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी, एनआईएएमटी रखा गया था। ताकि संस्थान के माध्यम से राज्य व देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में विकास के असीम संभावना को बढ़ावा मिल सके। इसी के तहत लगातार एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में बेहतर काम करने के लिए सेंटर का विकास किया जा रहा है। यह सेंटर 50 प्रतिशत तक पूरा गया है।
कई इक्विपमेंट आ गए हैं, कई आने वाले हैं। यह सेंटर आने वाले समय में मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के साथ आधुनिकता को अपनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। लेटेस्ट इक्विपमेंट की ट्रेनिंग ले सकेंगे : सेंटर फॉर इंस्ट्रूमेंटेशन फैसिलिटीज के चेयरमैन डॉ. एसआर कुमार ने बताया कि इस सेंटर में लगभग 50 करोड़ की लागत के इक्विपमेंट होंगे। इसके माध्यम से छात्र एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग के विभिन्न आयामों को देख व सीख सकेंगे। उनके प्रोजेक्ट बनाने में सहयोग मिलेगा। नए इलेक्ट्रॉनिक सामान बना सकेंगे। लेटेस्ट इक्विपमेंट की ट्रेनिंग ले सकेंगे। शोधार्थी इन इक्विपमेंट का लाभ ले सकेंगे। सेंटर की मदद से इंडस्ट्री में आने वाली समस्या को दूर किया जा सकेगा।
उत्पादन की पूरी प्रक्रिया को डिजिटल स्वरूप दे सकेंगे इस सेंटर की ग्राउंड फ्लोर में मैटेरियल कैरेक्टराइजेशन फैसेलिटी के लिए जरूरी उपकरण उपलब्ध हैं। सेंटर की बिल्डिंग और मैटेरियल कैरेक्टराइजेशन फैसेलिटी हायर एजुकेशन फाइनेंसिंग एजेंसी के फंड से तैयार हुआ है। इसके साथ ही ग्राउंड फ्लोर में स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग फैसेलिटी होगी।