झारखंड

झारखंडः सड़क हादसों पर यह मोबाइल एप रखेगा नजर, कारण और निदान की देगा जानकारी, इलाज भी होगा आसान

Renuka Sahu
31 Jan 2022 2:58 AM GMT
झारखंडः सड़क हादसों पर यह मोबाइल एप रखेगा नजर, कारण और निदान की देगा जानकारी, इलाज भी होगा आसान
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फाइल फोटो 

रांची सहित पूरे राज्य में रोड एक्सिडेंट काफी बढ़े हैं। हर साल इससे हजारों लोग अपनों को खो देते हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रांची सहित पूरे राज्य में रोड एक्सिडेंट काफी बढ़े हैं। हर साल इससे हजारों लोग अपनों को खो देते हैं। हादसों को कम करने के लिए लगातार प्रयास हो रहे हैं। इसी कड़ी में अब एक और पहल हो रही है। अब रांची समेत देशभर में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं पर केंद्र की सीधी नजर रहेगी। इन दुर्घटनाओं के वास्तविक कारणों का विश्लेषण कर आवश्यक सुधार करने का भी प्रयास किया जाएगा। दरअसल, दुर्घटनाओं पर नियंत्रण के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने राष्ट्रीय सूचना केंद्र (एनआईसी) और आईआईटी मद्रास के सहयोग से आईआरएडी (इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस) मोबाइल ऐप और वेब एप्लिेशन तैयार किया है। रांची में एक जनवरी से यह शुरू हो गया है। झारखंड के अन्य जिलों में भी इस ऐप का इस्तेमाल शुरू कर डाटा अपलोड करने का काम जारी है। यह एप बतायेगा, सड़क दुर्घटनाएं क्यों हो रही हैं, किस इलाके में सबसे अधिक दुर्घटनाएं हो रही हैं, जिले में कितने ब्लैक स्पॉट हैं।

इलाज में होगी आसानी
सड़क दुर्घटना होने पर अगर मौके पर पुलिस के पहुंचने से पहले ही किसी हॉस्पिटल में घायलों को ले जाया जाता है, तो फौरन वहां इलाज शुरू हो जाएगा। दरअसल हेल्थ विभाग को भी इससे जोड़ा गया है। सभी पीएचसी और सीएचसी को भी लॉगिन दिया गया है। ये अपने यहां भर्ती मरीज का डिटेल जैसे ही भरेंगे, संबंधित थाना प्रभारी को भी इसकी सूचना हो जाएगी। मतलब अब घायलों को इलाज मिलने में और आसानी होगी। जानकारी के अनुसार घायल का क्या इलाज हो रहा है, कौन-कौन सी दवा दी जा रही है, इसका भी डिटेल अपलोड होता रहेगा।
दुर्घटना स्थल से ही ऑन स्पॉट इंट्री की जा सकेगी
आईआरएडी एप के माध्यम से दुर्घटना स्थल से ही ऑन स्पॉट इंट्री की जा सकेगी। मौके पर ही एक्सीडेंट का फोटो लेकर उससे जुड़े तथ्य, व्यक्तियों व वाहन आदि की जानकारी भरी जा सकती है। इससे संबंधित ट्रेनिंग रांची के लगभग 35 थाना-टीओपी के पदाधिकारियों को दी गई है। रांची में एनआईसी की ओर से जिला सूचना पदाधिकारी शिवचरण बनर्जी, जिला नोडल पदाधिकारी कपींदर उरांव (ट्रैफिक डीएसपी-2) और डिस्ट्रिक रोल आऊट (डीआरएम) मैनेजर अमरजीत उरांव हैं। डीआरएम के अनुसार पोर्टल में फील्ड अफसर जैसे ही डिटेल डालेंगे, वह थाना प्रभारी के लॉगिन में आ जाएगा। यहां से डीटीओ फिर एमवीआई के लॉगिन में जाएगा। एमवीआई फील्ड जांच कर लेंगे। वे जैसे ही अपनी रिपोर्ट अपलोड करेंगे, पुन: थाना प्रभारी के लॉगिन में चला जाएगा। सभी प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन रहेगी।
आईआईटी मद्रास देगी दुर्घटना रोकने का सुझाव
आईआरएडी एप के जरिए यह पता चल सकेगा कि सड़क दुर्घटनाएं क्यों हो रही हैं। किस इलाके में सबसे अधिक दुर्घटनाएं हो रही हैं। जिले में कितने ब्लैक स्पॉट हैं। ऐसी तमाम जानकारी एप के जरिए डेटाबेस तैयार कर आईआईटी मद्रास तक पहुंचेगी। आईआईटी मद्रास के विशेषज्ञों द्वारा सड़क हादसों का विश्लेषण किया जाएगा। उनके सुझाव के आधार पर पीडब्ल्यूडी-परिवहन विभाग और अन्य संबंधित विभाग मिलकर सड़क का डिजाइन और दूसरी खामियों को दूर करेंगे।
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