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जनता से रिश्ता : झारखंड में दूर-दराज के मरीजों की सुविधा के लिए शुरू की गई ई-संजीवनी की सेवा लगभग ठप हो गई है। इस सेवा की शुरुआत इसलिए की गई थी कि अस्पताल आने में अक्षम दूर-दराज के मरीजों को फोन पर ही डॉक्टर इलाज बता सकें। इसके लिए हर जिले में चिकित्सकों की टीम बनाकर उनके फोन नंबर जारी किये गये थे। हिन्दुस्तान की टीम ने अलग-अलग जिलों में ई-संजीवनी के तहत जारी विभिन्न नंबरों पर कॉल किया। पता चला कि इनमें से अधिकतर नंबर या तो सेवा में नहीं हैं या इनपर कॉल करने पर उधर से रॉन्ग नंबर का जवाब मिलता है। कुछ डॉक्टर फोन उठाते भी हैं तो इलाज बताने में रुचि नहीं दिखाते। यहां तक कह देते हैं कि आपको परेशानी है तो हम क्या करें।
धनबाद में ई-संजीवनी के तहत जारी एक चिकित्सक के नंबर पर फोन किया गया। परेशानी बताने पर उधर से कहा गया- तकलीफ है तो मैं क्या कर सकती हूं। यह ई-संजीवनी का नंबर नहीं है। दूसरे नंबर पर कॉल रिसीव ही नहीं हुआ। तीसरे नंबर पर इनकमिंग कॉल की सुविधा नहीं थी। देवघर जिले में जारी एक डॉक्टर के मोबाइल में इनकमिंग कॉल की सुविधा उपलब्ध नहीं थी जबकि दूसरे डॉक्टर का नंबर गलत बता रहा था। हजारीबाग जिले में मरीजों की सेवा के लिए छह नंबर जारी किये गये थे। इनमें से पांच नंबरों पर फोन करने पर कोई जवाब नहीं मिला।
source-hindustan
Admin2
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