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झारखंड के हजारों विद्यार्थियों पर वर्ष 2021-2023 सत्र के बीएड में नामांकन के लिए वंचित रहने का खतरा मंडराने लगा है. इसकी वजह बना है कई विश्वविद्यालयों की ओर से अंतिम सेमेस्टर का एग्जाम न लिया जाना.
जनता से रिश्ता। झारखंड के हजारों विद्यार्थियों पर वर्ष 2021-2023 सत्र के बीएड में नामांकन के लिए वंचित रहने का खतरा मंडराने लगा है. इसकी वजह बना है कई विश्वविद्यालयों की ओर से अंतिम सेमेस्टर का एग्जाम न लिया जाना. वहीं कई ऐसे विश्वविद्यालय हैं जिन्होंने एग्जाम तो ले लिया है लेकिन रिजल्ट का प्रकाशन नहीं कर सके हैं. ऐसे में B.Ed करने के लिए जो अर्हता चाहिए, यहां के विद्यार्थी उसको पूरा नहीं कर पाएंगे.
गौरतलब है कि 7 सितंबर 2021 को राज्य के बीएड कॉलेजों में नामांकन के लिए झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा परिषद की ओर से आवेदन मंगाया गया था, जिसकी तिथि 27 सितंबर को बीत गई. इस बार 136 सरकारी और निजी बीएड कॉलेजों में नामांकन के लिए मेरिट को आधार बनाया जाना है. मेरिट सूची के लिए स्नातक और स्नातकोत्तर के अंक को आधार बनाया जाना है.
इसके आधार पर ही मेरिट लिस्ट तैयार कर अभ्यर्थियों की काउंसलिंग कराई जाएगी. 13 हजार से अधिक सीटों पर नामांकन के लिए जेसीईसीईबी की ओर से निर्धारित शैक्षणिक योग्यता में प्राप्त अंक प्रतिशत के आधार पर मेधा सूची तैयार की जानी है. ऐसे में हजारों विद्यार्थियों के पास रिजल्ट न होने से दाखिले में दिक्कत आने की आशंका है
कोरोना महामारी के कारण शिक्षा जगत पर व्यापक असर पड़ा है. प्राथमिक माध्यमिक के साथ-साथ उच्च शिक्षा भी इससे अछूता नहीं है. कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में गतिविधियां कम होने की वजह से इस वर्ष परीक्षाओं में भी देरी हो रही है. इसी वजह से अब तक कई विश्वविद्यालयों के पीजी और यूजी के अंतिम सेमेस्टर के रिजल्ट प्रकाशित नहीं हो सके हैं. कई विद्यार्थियों का कहना है कि इसे ध्यान में रखते हुए जेसीईसीबी को B.Ed कॉलेजों में नामांकन के लिए अंतिम तिथि निर्धारित करने से पहले यहां के विद्यार्थियों के बारे में सोचने की जरूरत थी.
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