झारखंड

झारखंडः कोई बांटता है अखबार, कोई दुकान पर करता काम, अब इंडिया गॉट टैलेंट में दिखा रहे हुनर

Renuka Sahu
9 Feb 2022 5:09 AM GMT
झारखंडः कोई बांटता है अखबार, कोई दुकान पर करता काम, अब इंडिया गॉट टैलेंट में दिखा रहे हुनर
x

फाइल फोटो 

जुनून हो, हौसला हो तो परिस्थितियां लाख रोड़ा अटकाए, प्रतिभा अपना रास्ता तलाश ही लेती है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जुनून हो, हौसला हो तो परिस्थितियां लाख रोड़ा अटकाए, प्रतिभा अपना रास्ता तलाश ही लेती है। इसका अच्छा उदाहरण सोनी टीवी पर प्रसारित हो रहे रियालिटी शो इंडिया गॉट टैलेंट में प्रतिभा बिखेर रहा रांची का अट्रैक्टिव स्टेपर्स ग्रुप है। ग्रुप के सदस्य डांस के शौक को मुकाम दिलाने में कोई भी काम करने से संकोच नहीं करते। चाहे अखबार बेचना हो या ठेले पर काम करना। ये हर बाधा पार करने का माद्दा रखते हैं इंडिया गॉट टैलेंट में इन्होंने रिंग डांस किया। शो की जज शिल्पा शेट्टी, रैपर बादशाह संग सभी ने तारीफ की। इन युवाओं ने अपने संघर्ष की कहानी लाइव हिन्दुस्तान के साथ साझा की।

2013 में बना था ग्रुप
ग्रुप के राजू तिर्की, मयंक बिंबिसार टोप्पो व गौतम शर्मा संत अलोइस स्कूल में पढ़ते थे। सभी स्कूल में डांस करते थे। 2013 में ये गुड न्यूज संस्था में अमृता सृष्टि खलखो व अंकित डुंगडुंग से मिले। कुछ दिनों में अट्रैक्टिव स्टेपर्स ग्रुप बन गया।
अब चलाते हैं अकादमी
राजू ने कहा, लॉकडाउन में पैसे की कमी से रूम खाली करना पड़ा। फिर मित्रों ने मिलकर एक कमरा लिया। यहां 30 बच्चों को वे ट्रेनिंग देते हैं। इसी से वे किराया भरते हैं। सृष्टि कहती हैं कि इससे किराया तो भर देते हैं, लेकिन अन्य जरूरतें पूरी नहीं होती। डांस के लिए समोसे के ठेले में काम शुरू किया: गौतम गौतम डांसर बनना चाहते थे। 2006 में पिता का निधन हो गया। गौतम व बड़े भाई को पढ़ाई छोड़नी पड़ी। डांस के लिए एक कैटरिंग कंपनी में खाना परोसने का काम करने लगा। सिलाई के काम से निकालती हूं खर्च: अमृता सृष्टि खलखो नया टोली निवासी अमृता ने कहा, मकान का किराया चुकाने के लिए बुटिक में काम किया। माता-पिता के अलावा अमृता की तीन बहनें और एक भाई भी हैं।
किराया भरने के लिए बेचते थे अखबार: राजू
राजू बोले, गुड न्यू डांस अकादमी में फ्री ट्रेनिंग मिलने के बाद प्रैक्टिस के लिए किराए का घर लिया। इसका किराया चार हजार रुपये था। पैसे नहीं होते थे, इसलिए अखबार बेचना शुरू किया।
डाटा इंट्री करता हूं, ताकि डांस सीख सकूं : मयंक
मयंक टोप्पो कहते हैं कि शुरुआत में घरवाले नहीं चाहते थे की मैं डांस करुं। खराब आर्थिक स्थिति के कारण घरवाले चाहते थे कि कुछ काम करुं और परिवार चलाने में मदद करुं। मैंने डाटा इंट्री का काम शुरू किया।
पड़ोसियों ने बढ़ाया मेरा हौसला : अंकित डुंगडुंग
लोवाडीह निवासी ग्रुप के अहम सदस्य अंकित डुंगडुंग के पिता ड्राइवर हैं। अंकित बताते हैं कि परिवार में कोई डांस पसंद भी नहीं करता था। एक दिन कुछ पड़ोसियों ने मेरा डांस देखा। उन्होंने परिजनों को प्रेतित किया। लेकिन पैसे के अभाव के कारण कहीं नहीं सीख सका। इसके लिए मूवी हॉल में फूड काउंटर में काम किया और यू ट्यूब से देखकर डांस सीखा। अब डांस क्लास से जो पैसे मिलते हैं, उसी से अकादमी का किराया भरता हूं।
डाटा इंट्री करता हूं, ताकि डांस सीख सकूं : मयंक टोप्पो
मयंक टोप्पो कहते हैं कि शुरुआत में घरवाले नहीं चाहते थे की मैं डांस करुं। खराब आर्थिक स्थिति के कारण घरवाले चाहते थे कि कुछ काम करुं और परिवार चलाने में मदद करुं। मैंने डाटा इंट्री का काम शुरू किया। इससे घर को सपोर्ट करने के साथ अपने डांस के शौक को भी पूरा कर रहा हूं। अब घरवाले साथ देते हैं। आगे डांस को जारी रखना है।
Next Story