झारखंड

झारखंड : आसमानी आफत, दरिया बनी सड़कें, नदियों में उफान

Tara Tandi
3 Oct 2023 10:59 AM GMT
झारखंड : आसमानी आफत, दरिया बनी सड़कें, नदियों में उफान
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झारखंड में बारिश आफतकाल बन गई है. प्रकृति की मार के आगे आमजन लाचार हो गए हैं. बारिश की तबाही की तस्वीरें लोगों को डराने लगी है. इस बीच बारिश अब लोगों की जान लेने पर उतारू हो गई है. गढ़वा जिले के कांडी प्रखंड से ऐसा ही मामला सामने आया. जहां एक शख्स कमला ठाकुर नदी की तेज बहाव में बह गया. नदी पार करने के दौरान ये हादसा हुआ. इस हादसे के अलावा बारिश ने पूरे जिले को डूबो दिया है. लोगों से घरों से पंप लगाकर पानी निकाला जा रहा है. पूरे बाजार क्षेत्र में पानी भर आया है. सड़कों का तो नामोनिशान मिट गया है. पंडी नदी की बाढ़ का पानी हेंठार इलाके के सैकड़ों एकड़ खेत में भर गया है. जिससे नारायण पुर, बेलहथ, बलियारी आदि गावों में फसलें तबाह गो हई हैं. वहीं, सतबहिनी मंदिर के ऊपर से भी पानी का बहाव देखने को मिल रहा है.
बारिश से जन-जीवन अस्त-व्यस्त
इधर आफत की बारिश से रामगढ़ में भी हाहाकार मचा है. जहां जिले के दुलमी प्रखंड के भैरवी जलाशय डैम का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और डैम का पानी ओवरफ्लो होकर गिर रहा है. पानी के दवाब से डैम के पास बने पुल की रेलिंग पूरी तरीके से क्षतिग्रस्त हो गई है और यहां कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. वहीं, हादसे की संभावना को देख रामगढ़ की पूर्व विधायक ममता देवी ने मामले पर संज्ञान लिया. जहां पूर्व विधायक ममता देवी ने जल्द टूटी हुई रेलिंग के निर्माण का आश्वासन दिया है.
जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नाराजगी
प्रकृति की मार तो कोयलांचल भी झेल रहा है. धनबाद में लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. सड़के दरिया बन गई हैं. आवाजाही लगभग ठप हो चुकी है. जिले के वरवाअड्डा मुख्य मार्ग रानी बांध तालाब के पास सड़क पर हो रहे जल जमाव से लोग परेशान हो गए हैं और परेशान लोगों ने जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नाराजगी भी जताई. लोगों का कहना है कि रोजाना जलजमाव होने और कई बार हादसे होने के बाद भी जिला प्रशासन ने जल निकासी की व्यवस्था नहीं की है. लोगों साथ ही स्थानीय दनप्रतिनिधियों के खिलाफ भी आक्रोश जताया. वहीं, धनबाद उपायुक्त की मानें बारिश खत्म होते ही लोगों की समस्या का समाधान किया जाएगा.
डैम के 10 गेटों को खोला
सरायकेला में भी बारिश आफत बन गई है. जिले के चांडिल डेम जलाशय में जलस्तर बढ़ने से डैम के 10 गेटों को खोल दिया गया है. डैम का गेट खुलने के साथ ही सुवर्णरेखा नदी में भी पानी का बहाव तेज हो गया है. लिहाजा चांडिल डैम के निचले हिस्से, पश्चिम बंगाल और पूर्वी सिंहभूम के जमशेदपुर के आसपास के क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं.
तेनुघाट बांध के चार रेडियल गेट खोले
बोकारो में भी लगातार बारिश के बाद तेनुघाट बांध का दो और रेडियल गेट खोल दिया गया और इसी के साथ कुल मिलाकर चार रेडियल गेट अब तक खोले गए हैं. जानकारी के मुताबिक दामोदर नदी पर स्थित तेनुघाट डैम का पानी लगभग 855.35 फीट बढ़ने की संभावना है. जिसे देखते हुए दो और रेडियल गेट को खोला गया है. डैम में 865 फीट पानी रखने की क्षमता है. जबकि वर्तमान में 852 फीट ही पानी को रखा जाता है. ऐसे में विभाग की ओर से लोगों से अपील की जा रही है कि नदी किनारे से दूर रहें.
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