झारखंड

झारखंड : बदहाली के आंसू रो रहा सरायकेला का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, पहुंचने का रास्ता तक नहीं

Tara Tandi
17 Sep 2023 10:23 AM GMT
झारखंड : बदहाली के आंसू रो रहा सरायकेला का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, पहुंचने का रास्ता तक नहीं
x
स्वास्थ्य केंद्र किसी भी राज्य के स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ की तरह होती है, लेकिन अगर रीढ़ ही खराब हो तो व्यवस्था की बदहाली का अंदाजा लगा पाना मुश्किल नहीं है. कुछ ऐसा ही हो रहा है सरायकेला में, जहां जिले के गम्हरिया प्रखंड के शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बदहाली की मार झेल रहा है. सालों पहले गम्हरिया प्रखंड में लाखों की लागत में आदित्यपुर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण कराया गया था ताकि आसपास के इलाकों के लोगों के लिए इलाज तक पहुंच आसान हो सके, लेकिन अब स्वास्थ्य केंद्र की बदहाली ऐसी है कि यहां तक पहुंचने के लिए ढंग का रास्ता भी नहीं है. बड़ी मुश्किल से तो मरीजों और स्टाफ के लिए आने-जाने का रास्ता बना था, लेकिन वो भी बारिश के बाद तालाब बन गया है. रास्ते पर जलजमाव होने से स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचना लोगों के लिए दूर्भर हो जाता है. इतना ही नहीं यहां आस-पास गंदगी का भी अंबार लगा रहता है.
डॉक्टर और दवाईयां भी उपलब्ध नहीं
स्वास्थ्य केंद्र में परेशानी सिर्फ इतनी ही नहीं है बल्कि यहां डॉक्टर और दवाईयां भी उपलब्ध नहीं होती. दवाइयां ना मिलने के चलते मरीजों को खाली लौटना पड़ रहा है. इसी तरह स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर भी नदारद रहते हैं और कर्मचारी भी नहीं है. कुछ नर्स है जिसे मरीजों की देख-रेख के लिए रखा गया है. स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली और डॉक्टरों की लापरवाही से लोगों में भी आक्रोश का माहौल है. जिन मरीजों का इलाज चल रहा है वो भी स्वास्थ्य केंद्र से बिना डॉक्टर से मिले ही वापस लौट जाते हैं. ऐसे में उन्हें समझ नहीं आता कि उनका इलाज अभी और चलेगा या पूरा हो चुका है. इस अनदेखी के चलते मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
डेंगू-मलेरिया का प्रकोप
एक तरफ पूरे झारखंड के साथ ही सरायकेला में भी डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसे मरीजों की संख्या बढ़ रही है और स्वास्थ्य केंद्रों में ऐसे मरीजों का तांता लगा रहता है तो दूसरी ओर स्वास्थ्य केंद्रों की बदहाली को देख कहना मुश्किल नहीं कि आम जनता के लिए स्वास्थ्य व्यवस्था भगवान भरोसे है. अब सवाल ये उठता है कि अगर अस्पताल ही बीमार होगा तो मरीजों का इलाज कैसे संभव है.
Next Story