झारखंड
झारखंड: दंडित किये जाने पर लोक सेवक राज्यपाल से कर सकेंगे अपील, जारी हुई अधिसूचना
Deepa Sahu
22 Feb 2022 5:28 AM GMT
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झारखंड सरकारी सेवक वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील (संशोधन) नियमावली-2022 को लागू कर दिया गया है.
रांची : झारखंड सरकारी सेवक वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील (संशोधन) नियमावली-2022 को लागू कर दिया गया है. 2016 की नियमावली में बदलाव किया गया है. कार्मिक विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है. नयी नियमावली के तहत सिविल पद के सेवक सरकारी आदेश के खिलाफ राज्यपाल के समक्ष अपील कर सकेंगे.समूह ख, ग और घ के पदधारी अपने नियुक्ति प्राधिकार से ठीक ऊपर के प्राधिकार के समक्ष अपील कर सकेंगे. नियुक्ति प्राधिकार निदेशक या विभागाध्यक्ष हो तो सचिव के पास अपील कर सकेंगे. नियुक्ति प्राधिकार सचिव हो, तो विभागीय मंत्री के पास अपील करने का प्रावधान तय है.
मुख्यमंत्री के स्तर से दंड दिया गया हो, तो मंत्रिपरिषद के समक्ष अपील की जा सकेगी. वहीं कैबिनेट ने दंड दिया हो, तो वहां पुन: मंत्रिपरिषद के समक्ष अपील की जा सकेगी. 2016 की नियमावली में सरकार के आदेश के विरुद्ध अपील करने का प्रावधान नहीं किया गया था. सिर्फ ज्ञापन के रूप में पुनर्विचार अर्जी दाखिल करने का प्रावधान था.
स्वयं जांच करा सकता है प्राधिकार
अब यह प्रावधान किया गया है कि किसी सरकारी सेवक पर कदाचार का आरोप लगता है, तो प्राधिकार स्वयं जांच करा सकता है. इसके अलावा नयी नियमावली में सेवानिवृत सरकारी पदाधिकारी से भी जांच कराने का प्रावधान किया गया है. नयी नियमावली के तहत किसी सरकारी अधिकारी व कर्मचारी को दंड होता है, तो उस अवधि तक प्रोमोशन पर विचार नहीं किया जायेगा.
सरकारी सेवक, जिनकी सेवा समाप्त कर दी गयी हो, वे संबंधित प्राधिकार के समक्ष अपील कर सकेंगे. वहीं नयी नियमावली में कर्मियों व पदाधिकारियों को असंचयात्मक व संचायात्मक प्रभाव से दी जानेवाली दंड को भी नये सिरे से परिभाषित किया गया है. असंचायात्मक प्रभाव से वेतन वृद्धि पर रोक आदेश निर्गत होने की तिथि से प्रभावी होगा. आदेश निर्गत होने की तिथि के बाद देय वेतन वृद्धि रोक दी जायेगी. इसी तरह संचयात्मक प्रभाव से वेतन वृद्धि पर रोक भी आदेश जारी होने की तिथि से प्रभावी होगा. इसे लेकर प्रावधान में कुछ तब्दीली की गयी है.
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