झारखंड

Jharkhand : झारखंड राज्य आवास बोर्ड की नोटिस पर सियासत अब तेज हो गई

Renuka Sahu
23 Jun 2024 7:33 AM GMT
Jharkhand  : झारखंड राज्य आवास बोर्ड की नोटिस पर सियासत अब तेज हो गई
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रांची Ranchi : राजधानी रांची में झारखंड राज्य आवास बोर्ड ने हरमू और बरियातू में लोगों को मकान बनाकर रहने के लिए प्लॉट आवंटित किया था. लेकिन उन प्लॉटों पर अब बहुमंजली इमारतें बन गई. कॉरपोरेट दफ्तर चल रहे हैं. ब्रांडेड कंपनियों के बड़े-बड़े शोरूम चल रहे हैं. होटल, रेस्टोरेंट, पेट्रोल पंप चल रहे हैं. हरमू में भारतीय जनता पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा और आजसू का प्रदेश कार्यालय भी चल रहे है. आवास बोर्ड ने पहले बीजेपी को नोटिस भेजा. बीजेपी को नोटिस भेजने पर विवाद बढ़ा तो बोर्ड ने जेएमएम, आजसू समेत 400 लोगों को नोटिस थमा दिया.

नोटिस सिर्फ सियासी स्टंट: बीजेपी

आवास बोर्ड Housing Boardकी नोटिस पर सियासत अब तेज हो गई है. बीजेपी प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा की बीजेपी का दफ्तर कानूनी तौर पर सही है. एमसीडी से नक्शा पास कराया गया. हर विभाग से एनओसी लेकर दफ्तर का निर्माण कराया गया. दफ्तर तो जेएमएम का भी हरमू से चलता है लेकिन नोटिस सिर्फ बीजेपी को ही भेजा गया. पार्टी ने जब विरोध जताया तो जेएमएम को भी नोटिस भेजा गया. बोर्ड का नोटिस सिर्फ राजनीतिक स्टंट है. आवास बोर्ड में भ्रष्टाचार चरम पर है. धीरे-धीरे भ्रष्टाचार का खेल उजागर हो रहा है. जिससे ध्यान भटकाने के लिए बोर्ड नोटिस भेज रहा है.

बीजेपी के आरोपों पर जेएमएम, कांग्रेस का पलटवार

बीजेपी के आरोपों पर जेएमएम और कांग्रेस ने पलटवार किया है. जेएमएम प्रवक्ता मनोज पांडेय JMM spokesperson Manoj Pandey ने कहा की जेएमएम का दफ्तर कैंप कार्यालय है. जल्द ही दफ्तर बरियातू में शिफ्ट हो जाएगा. वहीं कांग्रेस विधायक राजेश कच्छप ने कहा कि बोर्ड की जमीन पर पार्टी का दफ्तर चल रहा है तो किराया तो देना पड़ेगा.

बोर्ड की कार्रवाई का इंतजार

झारखंड राज्य आवास बोर्ड का कार्यालय हरमू में ही है. हरमू में बोर्ड की जमीन पर सैकड़ों बहुमंजीली इमारतें बन गई. बड़े-बड़े शोरूम चल रहे हैं. सालों से सियासी दलों के दफ्तर चल रहे हैं. लेकिन बोर्ड के अधिकारियों को नजर नहीं पड़ी. आखिरी क्यों ? क्या बोर्ड के अधिकारी आंखों में पट्टी बांधे हुए थे. क्या उन्हें दिखाई नहीं दे रही थी ? जिस रास्ते से वो दफ्तर जा रहे हैं वहां शोरूम कैसे चल रही है. बोर्ड क्या वाकई नींद से जाग गई है या सिर्फ सियासी स्टंट खेल रही है. क्योंकि इससे पहले भी कई बार बोर्ड ने नोटिस भेजा लेकिन क्या कार्रवाई हुई आजतक, इसका पता नहीं चला.

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