झारखंड

साइबर ठगों के निशाने पर झारखंड के अधिकारी, जज से लेकर IAS और IPS की भी बना रहे फेक आईडी

Rani Sahu
29 July 2022 11:24 AM GMT
साइबर ठगों के निशाने पर झारखंड के अधिकारी, जज से लेकर IAS और IPS की भी बना रहे फेक आईडी
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साइबर ठगों के निशाने पर झारखंड के अधिकारी

Ranchi: साइबर अपराधियों के निशाने पर झारखंड हाई कोर्ट, प्रशासन, पुलिस विभाग सहित कई वरिष्ठ अधिकारी हैं. इसमें जस्टिस, आईएएस, आईपीएस भी शामिल हैं. डिजिटल लुटेरे वरिष्ठ अधिकारियों की फोटो फेसबुक, वाट्सएप आदि पर लगाकर हाई कोर्ट के जस्टिस, पुलिस विभाग के डीजीपी, आईपीएस अधिकारी सहित प्रशासनिक अधिकारियों फोटो लगाकर ठगी के कोशिश हो चुकी है. साइबर अपराधी वरिष्ठ अधिकारियों की फोटो वाट्सएप पर लगाकर लोगों से मैसेज कर रुपये मांगते हैं. डिजिटल ठगो के एक नए कारनामें ने इन दिनों राज्य के तमाम जिलों में तैनात अधिकारियों की नाक में दम कर दिया है. वर्चुअल फ्रॉड के जरिए आमलोगों की गाढ़ी कमाई लूटने में माहिर जालसाजों के निशाने पर अब झारखंड के अधिकारी आ गए हैं.

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26 जुलाई को साइबर अपराधियों ने झारखंड के डीजीपी नीरज सिन्हा का फेक प्रोफाइल बनाकर दो आईपीएस अधिकारियों से ठगी का प्रयास किया. डीजीपी का फोटो लगे मोबाइल नंबर 9106724664 से झारखंड जगुआर के एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग के मोबाइल पर गुड मार्निंग का मैसेज आया. इसी नंबर से साहिबगंज के एसपी अनुरंजन किस्पोस्टा को भी गुड मार्निंग का मैसेज भेजा. मामले को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गयी है. पूर्व में भी मई 2021 में साइबर अपराधियों ने डीजीपी के नाम से फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाकर लोगों को फ्रेंड रिक्वेसस्ट भी भेजने लगा. और लोगों से रुपयें की मांग की.
25 जुलाई को पाकुड़ डीसी वरुण रंजन के नाम पर तस्वीर वाली फेक व्हाट्सएप आईडी बनाकर जिले के अन्य अधिकारियों से राशि की मांग किया जा रहा था. साइबर अपराधियों द्वारा मोबाइल नंबर 8928735411 का इस्तेमाल किया गया था. इससे पूर्व 21 जून 2022 को पाकुड़ डीसी वरुण रंजन के तस्वीर वाले फेक व्हाट्सएप (7207912008) आईडी बनाकर अधिकारियों से राशि की मांग की गयी थी.
24 जुलाई 2022 को साइबर अपराधी झारखंड हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस की फोटो लगा फर्जी वाहट्सअप एकाउंट से हाईकोर्ट में काम करने वाले राजीव कुमार से डेढ़ लाख ठगी कर ली. मामले को लेकर डोरंडा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है. 19 जुलाई को ऑफिस के नंबर पर चीफ जस्टिस की प्रोफाइल फोटो लगी मोबाइल से कॉल आया. इसके बाद मैसेज भेजा गया. जिसमें अमेजन पर 10000 रुपये के 15 गिफ्ट कार्ड खरीदने का एक संदेश उन्हें मिला. इसी झांसे में ठगी का शिकार हो गया.
25 जून 2022 को साइबर अपराधी रांची तत्कालीन डीसी छवि रंजन का फर्जी व्हाटसएप अकाउंट मोबाइल नंबर 2349163731037 से बनाकर अधिकारी और आमलोगों से रुपये मांग की थी. इस बात की जानकारी पुलिस को दी गई थी. इससे पूर्व 16 अप्रैल 2022 को रांची के डीसी छवि रंजन के नाम से मोबाइल नंबर 9718026958 से फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट बनाकर बीडीओ और सीओ को मैसेज भेजकर रुपये की मांग की गयी थी. मामले की सूचना पुलिस की दी गयी थी. इससे पूर्व तीन मई 2021 को रांची के डीसी छवि रंजन के नाम पर फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाकर साइबर अपराधी लोगों से पैसे मांग रहे थे. कई लोगों को डीसी के इस फर्जी अकाउंट से मैसेज भी भेजे गए थे.
25 जून 2022 को साइबर अपराधियों ने मोबाइल नंबर 2349163731037 से पश्चिमी सिंहभूम के डीसी अनन्य मित्तल का भी फर्जी अकाउंट बनाकर लोगों से पैसे की मांग कर रहा था. प्रशासन के द्वारा इस मामले की सूचना चाईबासा एसपी को दिया गया था.
24 जून 2022 को साइबर अपराधियों ने लातेहार डीसी भोर सिंह यादव का फर्जी व्हाटसएप एकाउंट बनाकर अधिकारी और आमलोगों से रुपये मांग रहा था. इसमें मोबाइल नंबर 8000633872 का प्रयोग किया गया था.
12 जून 2022 को पलामू प्रमंडल के कमिश्नर जटाशंकर चौधरी का फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट बनाकर अधिकारियों और आमलोगों को मैसेज भेजा गया. फर्जी व्हाट्सएप एकाउंट के लिये मोबाइल नंबर- 7814321172 का प्रयोग किया गया था.
12 जून 2022 को गुमला डीसी सुशांत गौरव का साइबर अपराधियों ने फेक एकाउंट बना डाला है. इनके मोबाइल नंबर से फेक आइडी बनाया गया है. फर्जी आइडी के जरिये गुमला जिले के कई अधिकारयों और कर्मियों को फोन किया गया था.
10 जून 2022 को पलामू के तत्कालीन डीसी शशि रंजन के नाम से व्हाट्सएप का फर्जी एकाउंट बनाकर लोगों को मैसेज भेजे जाने लगे. मोबाइल नंबर- 7814321172 से बनाये गये एकाउंट से पैसे की मांग की जा रही थी.
3 जून 2022 को साइबर अपराधियों के द्वारा हजारीबाग डीसी नैंसी सहाय की असली तस्वीर लगा 8250128869 नंबर का इस्तेमाल कर फेक व्हाट्सअप आईडी बना लोगों से महंगे गिफ्ट और रकम की मांग की जा रही थी. मामला सामने आने के बाद पुलिस में शिकायत दर्ज करायी गयी.
23 अप्रैल 2022 को रामगढ़ जिले डीसी माधुरी मिश्रा के नाम पर मोबाइल नंबर 7249402773 से एक फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट बनाकर जिले के पदाधिकारियों तथा डीसी से संबंधित लोगों को मैसेज भेज कर तरह-तरह के डिमांड किया जा रहा था. जानकारी मिलने पर डीसी ने उस फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट को बंद करा कर मामले की जांच के आदेश दिए.
पकड़े नहीं जाते अपराधी
फेसबुक और व्हाट्सऐप एकाउंट से फोटो की चोरी कर फेक प्रोफाइल तैयार किया जाता है. फर्जी प्रोफाइल बना कर उसके जरिये यूजर के परिचितों से पैसों की मांग की जाती है. कई बार अपराधी फेसबुक को हैक कर भी यूजर के प्रोफाइल को यूज करते हैं और यूजर को इसकी जानकारी भी नहीं मिलती है. ठगी के प्रयास के लिए फेसबुक या अन्य सोशल साइटों का सहारा लेकर दोस्तों या परिचितों का मोबाइल नंबर हासिल किया जाता है. हालांकि बड़े अफसरों की फर्जी प्रोफाइल तैयार कर ठगी का प्रयास करनेवाले अपराधी नहीं पकड़े जाते हैं. सोशल मीडिया पर बड़े लोगों का फर्जी प्रोफाइल बनाने के मामले में अब तक इक्का-दुक्का अपराधी ही पकड़े गये हैं. राज्य के दर्जन भर से अधिक उपायुक्तों और अन्य अधिकारियों की फेक प्रोफाइल तैयार करनेवालों को नहीं पकड़ा जा सका है. हालांकि, पिछले दिनों डीजीपी का फर्जी प्रोफाइल बनाने के मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था.
इस तरह करें बचाव
-कभी कोई व्यक्ति संकट में मैसेज कर मदद नहीं मांगता है. इस तरह के मैसेज मिलने पर अपने परिचित से तुरंत संपर्क करें.
-वाट्सएप की सेटिंग में सुरक्षा संबधी प्रक्रिया को पढ़कर उसे लागू भी करें.
-वाट्सएप डीपी अपनी फोटो सुरक्षित कर रखे ताकि उसे चोरी कर कोई गलत इस्तेमाल ना कर सकें.
-अगर आपका वाट्सएप अकाउंट हैक हुआ है तो तुरंत ही रिसेट करना है. इसके बाद दूसरी बार लागिन करे. इसके बाद आपके अकाउंट पर ओटीपी आएगा और अपराधी की तरफ से हैक आपका अकाउंट लाग आउट हो जाएगा.
-वाट्सएप कभी बिना आपकी अनुमति कोई भी ओटीपी नहीं भेजता है. कोई भी ओटीपी आने पर सतर्क हो जाएं.

सोर्स- News Wing

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