झारखंड
झारखंड: साल 2015 में हुई थी हत्या, किन्नर हत्याकांड मामले में आरोपी को आजीवन कारावास
Kajal Dubey
21 July 2022 5:25 PM GMT

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जासं। अपर जिला व सत्र न्यायाधीश कुमार दिनेश की अदालत में कृष्णा कर मुखी उर्फ लखी किन्नर की हत्या मामले में बुधवार को सुनवाई हुई। अदालत ने मामले में मृतक के प्रेमी उत्तम साह को आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई। हत्या का साक्ष्य छुपाने के मामले में पांच हजार रुपये जुर्माना और पांच साल की सजा सुनाई गई। दोनों सजा साथ-साथ चलेगी। मामले में अदालत में 13 गवाहों की गवाही हुई थी।
साल 2015 में हुई थी हत्या
पटमदा के बोड़ाम थाना क्षेत्र डिमना लेक के अलकतरा फैक्टरी से कुछ ही दूरी पर खाई से 26 अप्रैल 2015 में सीतारामडेरा थाना क्षेत्र भालूबासा निवासी लखी किन्नर का शव बरामद किया गया था जिसकी हत्या कर दी गई। हत्या का साक्ष्य छुपाने को शव को फेंक दिया गया था। चाकू से गोदकर उसकी हत्या की गई थी। पेट, छाती और शरीर के अन्य हिस्से में चाकू के जख्म के निशान मिले थे। मृतक के पिता सचित्रो मुखी की शिकायत पर उत्तम के विरुद्ध अपहरण कर हत्या कर दिए जाने की प्राथमिकी बोड़ाम थाना में दर्ज की गई थी।
खाई से बरामद हुआ था शव
पुलिस को शिकायत में बताया कि 26 अप्रैल 2015 की रात के 11 बजे से घर से लापता था। इसके पहले रात को उसके मोबाइल पर प्रेमी उत्तम का फोन आया था। इसके बाद लक्खी घर से निकल गया। 27 जून को भी जब लक्खी घर पर नहीं लौटा तब परिवार के लोग परेशान होकर उसकी खोज-बीन करने लगे। सीतारामडेरा थाना में 27 अप्रैल को लिखित की गई थी। 30 अप्रैल को लक्खी का शव डिमना पटमदा मोड के पास 35 फीट खाई से बरामद किया गया था। बाद में पुलिस दबाव के बाद हत्या आरोपित ने अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था। आरोपित ने लक्खी से प्रेम विवाह किया था जब उसके स्वजनों को जानकारी हुई तो उसने लक्खी को रास्ते से हटाने के लिए उसकी हत्या कर दी थी।
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