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Jharkhand झारखंड: झारखंड में जेनेटिक हॉस्पिटल प्रबंधन ने असंवेदनहीनता की सारी हदें पार कर दी। 1.20 लाख के बिल का भुगतान नहीं करने पर मां को बंधक बना लिया। वहीं, नवजात को पिता के साथ घर भेज दिया। 24 दिन बाद जब जानकारी सीआईडी को देते हुए अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ शिकायत की गई, तो गुरुवार को एक Team Hospital पहुंची और बंधक बनाई गई महिला को छुड़ाया। इधर, 24 दिनों तक पिता मगलू सिंह बच्चे को बकरी का दूध पिलाकर किसी तरह उसकी परवरिश करते रहे।
6 दिन पहले से खाना कर दिया था बंद
नवजात की मां सुनीता देवी ने कहा कि बकाया पैसे का भुगतान नहीं करने पर जबरन 3 जून को मेरी गोद से बच्चे को अलग कर दिया गया। 15 दिनों से कोई इलाज भी नहीं चल रहा है। 6 दिन पहले से खाना देना भी बंद कर दिया था।
खूंटी में मनरेगा मजदूरी करता है पति मंगलू
पति मंगलू सिंह ने बताया कि वह खूंटी में मनरेगा मजदूरी का काम करता है। 28 मई को खूंटी सदर अस्पताल से पत्नी सुनीता को रिम्स रेफर किया गया था। हालांकि, रिम्स पहुंचने पर बाहर में खड़े कुछ लोगों ने ऑटो से जेनेटिक hospital भेज दिया।
director ने कहा- बंधक बनाने की बात झूठी
हॉस्पिटल के डायरेक्टर मनोज अग्रवाल ने कहा कि पैसे का भुगतान नहीं करने पर बंधक बनाने की बात गलत है। बंधक बनाया जाता तो रोज उसके परिवार को मुलाकात करने नहीं दिया जाता। महिला काफी गंभीर स्थिति में अस्पताल पहुंची थी। उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए काफी मुश्किल के बाद जच्चा-बच्चा को बचाया गया है।
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Sanjna Verma
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