Jharkhand : झारखंड का कैदी वार्ड कैदियों के फरारी के लिए मशहूर होता जा रहा, कई सजायाफ्ता खूंखार हो चुके हैं फरार
रांची Ranchi : कैदियों के फरार होने के लिए झारखंड देश में सबसे ज्यादा मशहूर और महफूज होता जा रहा है. आसानी से कैदी झारखंड के जेलों से या तो झूठी बीमारी का बहाना बनाकर इलाज के बहाने या गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए अस्पताल लाए जाते हैं और उसके बाद फरार हो जाते हैं. मामला इस बार हजारीबाग के जेपी केन्द्रीय कारागार का है. हत्या और पॉक्सो के मामले में उम्रकैद का सजायाफ्ता साहिद अंसारी फरार हो गया है. हजारीबाग शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज में उसे इलाज के लिए लाया गया था जहां सुरक्षा में लगे हवलदार चौहान हेम्ब्रम की हत्या कर साहिद असानी से फरार हो गया. हत्या के बाद पूरे राज्य में सनसनी है क्योंकि साहिद पर कई गंभीर मामले दर्ज हैं.
16 अक्टूबर 2022 को गुमला जेल से उग्रवादी अमित उराँव को इलाज के लिए रिम्स में भर्ती कराया गया था..वहीं दूसरा कैदी अपराधी लाया गया था उसका नाम मशरूर आलम खान है। पुलिस ने उसे आवंटन के मामले में गिरफ्तार कर लिया था। दोनों का रैम्स रैम्स अस्पताल में इलाज चल रहा था जहां दोनों को कैदी वार्ड में इलाज चल रहा था। पुलिस से मिली गुप्तचरियों के अनुसार रिम्स के कैदी वार्ड में रिक्रूटमेंट रिजर्वेशन रिजर्व ने स्टॉकिस्ट की ग्रिल तोड़ी और बस्तियां हो गईं।
5 फरवरी 2021 बच्चों से इलाज के लिए रिम्स लाया गया मॅकॅम का मॅक्टर सिद्धेश्वर रामैया नाम का कैदी बच्चा हो गया। 4 फरवरी को अचानक पेट दर्द की समस्या के बाद उन्हें रिम्स के मेडिकल स्टूडेंट में शामिल किया गया था। यहां डॉ. सीबी शर्मा की टिप्पणी में उनका इलाज चल रहा था। उसे मेडिकल स्टूडेंट के बेड नंबर 3611 पर रखा गया था।
2022- 2023 के दौरान केवल रिम्स से 14 कैदी डाकू हो गए हैं। सिर्फ एक महीने के अंदर ही दो कैदी रिम्स से फिल्मों में सफल रहे। यहां जेल में बंद 22 लोगों को जेल में बंद कर दिया गया। 31 अक्टूबर 2023 को चोरी का आरोप में गिरफ्तार सूरज मुंडा रिम्स से डकैती हो गई थी, 13 सितंबर को कैदी वसीर भी हथकड़ी सहित कई सफल रहा। इसी तरह अप्रैल 2023 में दो कैदी किशोर कहीं चले गए और 20 सितंबर को भी एक कैदी कैदी हो गए।