जनता से रिश्ता : जिला पुलिस की बढ़ती दबिश और झारखंड सरकार के उग्रवादी आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर हार्डकोर माओवादी उग्रवादी अनिल भुईयां उर्फ अनिल रिखियासन उर्फ सरकार उम्र 28 वर्ष ने सोमवार को आत्मसमर्पण कर दिया। उसने समाहरणालय में आयोजित आत्मसमर्पण समारोह मे डीसी नैंसी सहाय, एसपी मनोज रतन चोथे, सीसीआर डीएसपी आरिफ एकराम, सीआरपीएफ 22 बटालियन के कमांडेंट और एसडीपीओ बड़कागांव के समक्ष एक राइफल के साथ आत्मसमर्पण किया। अनिल भुईयां ग्राम प्लांडू थाना बड़कागांव का रहने वाला है। उसके विरुद्ध हजारीबाग, रामगढ़, चतरा, कोडरमा,बोकारो सहित विभिन्न जिलों में नक्सल से संबंधित 16 आपराधिक मामले दर्ज हैं। हजारीबाग पुलिस एवं सीआरपीएफ 22 बटालियन की छापेमारी दल उसकी तलाश में लगातार विभिन्न ठिकानों पर धावा बोल रही थी। लेकिन वह पुलिस की पकड़ से भाग निकल रहा था। पुलिस स्पेशल टीम छापेमारी कर अनिल भुइयां को जिंदा या मुर्दा पकड़ने का प्रयास कर रही थी। उसकी गिरफ्तारी को लेकर पुलिस प्रशासन ने इनाम देने की घोषणा का मन बनाया था।
लेकिन उसने आत्मसमर्पण कर दिया। उग्रवादी अनिल भुईयां ने पुलिस को बताया है कि पुलिस की बढ़ते दबिश के कारण वह भागा फिरा चल रहा था। माओवादी संगठन में कैडरो का शोषण किया जाता है। बड़े उग्रवादी नेता छोटे स्तर के कैडरों का मानसिक और आर्थिक रूप से शोषण करते हैं। संगठन छोड़ने की बात करने पर जान से मारने की धमकी दी जाती है। उसके ऊपर परिवार वालों की तरफ से लगातार आत्मसमर्पण करने का दबाव पड़ रहा था। झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर उसने आत्मसमर्पण किया है। उन्होंने मुख्यधार से भटके हुए लोगों से अपील किया कि वह भी आत्मसमर्पण कर आत्मसम्मान का जीवन जीए। आत्मसमर्पण के बाद अनिल भुईयां को नगद 50 हजार रुपए दिए गए।
सोर्स-hindustan