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RANCHI रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने सोमवार को शिक्षा विभाग से जुड़े एक मामले की सुनवाई करते हुए मैय्या सम्मान योजना के तहत अब तक खर्च की गई राशि की जानकारी मांगी है। कोर्ट ने सरकार से हलफनामा दाखिल कर यह बताने को भी कहा है कि इस योजना के तहत कितने लोगों को डीबीटी के जरिए पैसा मिल रहा है और इस पर कुल कितनी राशि खर्च हुई है। इस संबंध में राज्य के मुख्य सचिव को व्यक्तिगत रूप से हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया गया है। कोर्ट इस मामले पर 6 फरवरी को फिर सुनवाई करेगा।
गौरतलब है कि रतन देवी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि उनके पति राजशेखर तिवारी चतरा जिले में लाइब्रेरियन थे। उन्होंने कोर्ट को बताया कि उन्हें 1999 से 2022 तक का भुगतान नहीं मिला है, जो कुल मिलाकर करीब 18.68 लाख रुपये है। चतरा जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) ने भी राशि बकाया होने की पुष्टि की है। चतरा डीईओ द्वारा 19 जुलाई 2024 को दायर हलफनामे के अनुसार सरकार द्वारा राशि आवंटित नहीं की गई है, तथा राशि प्राप्त होते ही उन्हें भुगतान कर दिया जाएगा।
आवेदक ने तर्क दिया कि सरकार उनकी ओर ध्यान नहीं दे रही है, बल्कि चुनावी वादों को पूरा करने के लिए मैय्या सम्मान योजना के लाभार्थियों को मुफ्त में पैसा बांट रही है। याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत को बताया कि एक ओर सरकार दावा करती है कि उसके पास जरूरतमंदों को भुगतान करने के लिए पैसा नहीं है, वहीं दूसरी ओर वादों को पूरा करने के लिए मुफ्त में धन वितरित किया जा रहा है। याचिकाकर्ता के वकील की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने सरकार से मैय्या सम्मान योजना और अन्य योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी है।
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Kiran
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