धनबाद के जज उत्तम आनंद की हत्या के मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने सीबीआई को फटकार लगायी है। चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने मामले के जांच अधिकारी से कहा कि जब ट्रायल पूरा हो गया है, अभियुक्तों को सजा सुना दी गयी है, फिर सीबीआई आगे की जांच कैसे जारी रख सकती है।
हाईकोर्ट ने पूछा कि क्या सीबीआई जांच जारी रखने के लिए निचली अदालत ने छूट प्रदान की है। किस प्रावधान के तहत इस मामले की जांच की जा रही है। आगे की जांच पूरी होने के बाद सीबीआई किस अदालत में किस नियम और प्रावधान के तहत पूरक आरोपपत्र दाखिल करेगी। अदालत ने सभी बिंदुओं पर सीबीआई को जवाब देने का निर्देश दिया। अगली सुनवाई 31 अगस्त को निर्धारित की।
अदालत ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इस मामले में जिस स्टेज में सीबीआई ने केस लिया था, आज भी उसी स्टेज में है। इतने दिनों में सीबीआई षड्यंत्र का पता नहीं लगा पायी और षड्यंत्र का खुलासा नहीं कर सकी। अब सजा सुनाने के बाद वह जांच जारी रखने की बात किस आधार पर कह रही है, इसकी जानकारी अदालत को दी जाए। इस बीच सीबीआई की ओर से हाईकोर्ट को बताया गया है कि वह इस मामले की जांच अभी भी कर रही है। हत्या के पीछे के षड्यंत्र का पता लगाया जा रहा है। इस पर हाईकोर्ट ने पूछा है कि सजा सुनाने के बाद किस नियम के तहत सीबीआई जांच कर रही है।
28 जुलाई मॉर्निंग वॉक के समय ऑटो ने मारी थी टक्कर
धनबाद के जज उत्तम आनंद की मौत 28 जुलाई को हो गयी थी। सुबह वे मॉर्निंग वॉक कर रहे थे, तभी एक ऑटो ने उन्हें टक्कर मार दिया था। इसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया था, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था। धनबाद के जिला जज ने इसकी रिपोर्ट हाईकोर्ट को भेजी थी। इस पर स्वत: संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट इस मामले की मॉनिटरिंग कर रहा है। सरकार ने इस मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया था। सीबीआई ने इसकी जांच पूरी कर दो लोगों के खिलाफ हत्या के मामले में आरोपपत्र दाखिल किया था। निचली अदालत ने ट्रायल पूरा करने के बाद दोनों अभियुक्तों को उम्र कैद की सजा सुनायी है।