झारखंड

झारखंड सरकार ने कहा, डीवीसी से त्रिपक्षीय समझौता रद्द करें केंद्र सरकार

Renuka Sahu
1 March 2022 4:24 AM GMT
झारखंड सरकार ने कहा, डीवीसी से त्रिपक्षीय समझौता रद्द करें केंद्र सरकार
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फाइल फोटो 

झारखंड सरकार ने नीति आयोग के समक्ष एक बार डीवीसी के साथ हुए त्रिपक्षीय समझौता का मामला उठाया।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। झारखंड सरकार ने नीति आयोग के समक्ष एक बार डीवीसी के साथ हुए त्रिपक्षीय समझौता का मामला उठाया। आयोग के साथ बैठक के दौरान इस समझौता को रद्द करने की मांग की गई। सरकार ने झारखंड में स्थित विभिन्न केंद्रीय उपक्रमों पर बिजली का करीब 1500 करोड़ बकाया की मांग भी की।

जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में विधानसभा स्थित उनके कक्ष में हुई इस बैठक में राज्य सरकार की ओर से केंद्र के अधिकारियों को बताया गया कि कैबिनेट ने डीवीसी के साथ त्रिपक्षीय समझौते से बाहर निकलने का फैसला लिया है। इसकी जानकारी केंद्र को दी जा चुकी है, लेकिन अबतक इसपर कोई पहल नहीं हुई।
मुख्यमंत्री ने नीति आयोग के साथ हुई बैठक के बाद पत्रकारों से कहा कि आयोग की टीम ने आकांक्षी जिला के तौर पर गिरिडीह का दौरा किया है। यह बैठक सकारात्मक रही है और यह आगे भी जारी रहेगी। केंद्र और राज्य से जुड़े हर विषय पर वार्ता हो रही है।
जानकारी के अनुसार नीति आयोग को बताया गया कि एचईसी, यूसिल, एमइएस, रेलवे, सेल आदि पर जेबीवीएनएल का करीब 1500 करोड़ बिजली के मद में बकाया है। इसका भुगतान जल्द किया जाए।
उल्लेखनीय है कि त्रिपक्षीय समझौते के तहत केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने डीवीसी का बकाया वसूलने के लिये राज्य सरकार के आरबीआई खाते से तीन बार में करीब 2845 करोड़ रुपये की कटौती की है। अगली किस्त न काटी जाए इसके लिये सरकार ने नीति आयोग के समक्ष त्रिपक्षीय समझौते का मामला उठाया। त्रिपक्षीय समझौते में केंद्र, झारखंड और डीवीसी शामिल है। इसके तहत बिजली का बकाया भुगतान नहीं होने पर नोटिस दे कर राज्य सरकार के आरबीआई खाते से वसूली की जा सकती है।
खनन मुआवजे का मामला भी उठा
नीति आयोग के साथ हुई बैठक के दौरान राज्य सरकार ने सरकार ने कोल इंडिया की ओर से किये गये खनन के बदले बकाया मुआवजा का मामला फिर उठाया। नीति आयोग की ओर से जानकारी दी गई कि पूर्व में हुई बैठकों के बाद मुआवजा देने के लिये झारखंड के 12 जिलों में भूमि सत्यापन कर लिया गया है। इसमें आगे की कार्रवाई जल्द की जाएगी।
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