झारखंड
झारखंड सरकार ने राज्यों और विदेश में फंसे श्रमिकों को वापस लाने में की मदद
Shantanu Roy
22 July 2022 10:04 AM GMT
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हजारीबाग। झारखंड के हज़ारीबाग जिले में चानो गांव के रहने वाले चेतलाल महतो ने घर वापस आने की सारी उम्मीदें खो दी थीं। मगर वह और 29 अन्य लोग राज्य सरकार के हस्तक्षेप के बाद इस साल मई और जून में मलेशिया में वापस आ सके जहां वे एक निजी कंपनी में काम करते थे और दक्षिण पूर्वी एशियाई देश में फंस गए थे। उन्हें उनका बकाया भी मिल गया है। वे मलेशिया के कुआलालंपुर में श्रमिक के तौर पर 2019 से काम कर रहे थे।
उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए झारखंड सरकार से उनकी वापसी में मदद करने की गुहार लगाई थी। इसी तरह अंडमान में तीन दशक तक बंधुआ मज़दूर रहे फुचा महली भी सरकार की मदद से झारखंड लौट सके थे। राज्य सरकार ने दावा किया है कि पिछले तीन महीने में तीन हज़ार से ज्यादा मज़दूरों को सुरक्षित वापस लाया गया है। झारखंड सरकार ने कहा कि पिछले ढाई साल में विभिन्न राज्यों और अन्य देशों में फंसे लाखों श्रमिकों को उनके गृह राज्य वापस लाया गया है।
सरकार ने कहा, "मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश के बाद, श्रमि विभाग और राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष ने मज़दूरों की न सिर्फ सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने की कोशिश की बल्कि यह भी कोशिश की कि उनकी बकाया मज़दूरी भी उन्हें मिले।" सरकारी बयान के मुताबिक, "27 मार्च 2020 से 30 जून 2022 तक 3108 श्रमिकों/कामगारों को लाभांवित करने के लिए 2.27 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है।" बयान में कहा गया है कि राज्य सरकार ने 168 कामगारों के परिवारों को उनकी मृत्यु के बाद 6.39 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
Shantanu Roy
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