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आश्रितों को मिलेगा 20-20 लाख मुआवजा
जनता से रिश्ता वेबडेस्क : धनबाद के प्रधानखंता रेलवे स्टेशन के दक्षिण छाताकुल्ही के पास अंडरपास निर्माण के दौरान धंसी मिट्टी में दबे चारों मजदूरों का शव 14 घंटे बाद बुधवार की सुबह साढ़े 10 बजे मलबे से निकाला गया। रातभर चली वार्ता में सहमती नहीं बन सकी। ग्रामीण 20-20 लाख रुपए और मृतक के आश्रित को नौकरी की मांग पर अड़े रहे। सुबह में ग्रामीण, रेल प्रशासन और जिला प्रशासन के अधिकारियों की मौजूदगी में कॉन्ट्रैक्ट मुआवजे के प्रावधान के अनुसार 20-20 लाख रुपए देने का भरोसा दिया गया। कहा गया कि ठेकेदार 10 दिनों के अंदर राशि का भुगतान पीड़ित परिवार को करेंगे।
मृतकों के परिजनों को सुबह में तत्काल 50-50 हजार रुपए दिए गए। परिजनों को यह अनुबंध पर नौकरी देने का भी विश्वास दिलाया गया। इसके बाद सुबह 5.22 बजे ग्रामीणों का धरना समाप्त हुआ और वे रेल पटरी से हटे। बता दें कि मंगलवार की रात साढ़े आठ बजे यह हादसा हुआ था। कंक्रीट बॉक्स के पुसिंग के दौरान अंडरपास के ऊपर से मालगाड़ी गुजरते ही मिट्टी का ढेर भरभरा कर ढह गया था। नीचे काम कर रहे प्रधानखंता छाताकुल्ही गांव के सौरव धीवर (25 वर्ष), विक्रम महतो (30 वर्ष), पप्पू कुमार महतो (35 वर्ष) और निरंजन महतो (30 वर्ष) मलबे में दब गए थे।मजदूरों के दबने की सूचना पर छाताकुल्ही और आसपास के गांव के सैकड़ों लोग घटनास्थल पहुंच गए और रेल प्रशासन और ठेकेदार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मुआवजे की मांग करने लगे। मुआवजा मिलने तक आक्रोशित रेल पटरी से उठने को तैयार नहीं थे। घटना की सूचना पर देर रात डीआरएम आशीष बंसल, सीनियर डीपीओ जेपी सिंह, सीनियर डीईएन को-ऑर्डिनेशन अमित कुमार और आरपीएफ के सीनियर कमांडेंट हेमंत कुमार मौके पर पहुंचे।
source-hindustan
Admin2
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