झारखंड

झारखण्ड : साहिबगंज में बारिश से खिले किसानों के चेहरे, शुरू हुई धान रोपाई

Tara Tandi
17 July 2023 12:03 PM GMT
झारखण्ड : साहिबगंज में बारिश से खिले किसानों के चेहरे, शुरू हुई धान रोपाई
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बिहार में जहां बारिश आफत बनकर बरस रही है तो वहीं दूसरी ओर झारखंड में नजारा अलग है. यहां किसान बेसब्री से बारिश का इंतजार कर रहे हैं. वहीं, साहिबगंज में तो कई प्रखंड में झमाझम बारिश के बाद धान की रोपाई भी शुरू हो गई है, लेकिन अभी भी किसानों को सरकार से मदद की उम्मीद है. साहिबगंज में बारिश आसमानी आफत नहीं बल्कि किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है. राजमहल की पहाड़ियों से घिरे साहिबगंज में किसानों के चेहरे खिल उठे हैं. क्योंकि पानी की किल्लत से परेशान किसानों को प्रकृति ने बारिश का तोहफा दे दिया है.
प्रकृति का तोहफा... खुश अन्नदाता
जिले के कई प्रखंडों में झमाझम बारिश के बाद किसानों ने धान की रोपाई शुरू कर दी है. महिला हो या पुरुष सभी कड़ी मेहनत कर खेतों को हरा भरा बनाने में जुट गए हैं. हालांकि ये नजारा पूरे जिले में एक जैसा नहीं है. क्योंकि जिले के कई प्रखंडों में अच्छी बारिश नहीं हुई है. ऐसे में कहीं कहीं तो रोपाई शुरू हो गई है, लेकिन कुछ हिस्सों में बारिश में देरी के चलते रोपाई नहीं हो रही है. जिले के बरहेट, तालझारी, बोरियो, राजमहल, बरहरवा प्रखंड क्षेत्र के कुछ किसानों की मानें तो धान का बिचड़ा अभी भी छोटा है और लगभग एक सप्ताह के अंदर तैयार हो जाएगा. जिसके बाद वो भी धान की रोपाई शुरू कर सकते हैं.
बारिश के बाद शुरू हुई धान रोपाई
बारिश भले ही किसानों का साथ दे रही है, लेकिन सरकार का साथ किसानों को नहीं मिल रहा है. क्योंकि जिन प्रखंडों में बारिश कम हुई है वहां किसानों को शासन प्रशासन की ओर से किसी तरह की सिंचाई की सुविधा नहीं दी गई है और खुद से खेतों में बोरिंग लगाने के लिए किसान समर्थ नहीं है. ऐसे में किसानों की सरकार से अपील है कि उन्हें सिंचाई की व्यवस्था दी जाए ताकि उनके रोजगार के एकमात्र साधन पर ग्रहण ना लगे.
किसानों को नहीं मिली सिंचाई सुविधा
झारखंड ही नहीं पूरे देश में चुनावी मौसम में किसानों का मुद्दा सियासदानों का चहीता होता है, लेकिन जब बात किसानों को सुविधाएं देने ही होती है तब सत्ता में बैठे जनप्रतिनिधि हो या प्रशासन में बैठे अधिकारी सभी हाथ पीछे कर लेते हैं और किसानों को भगवान भरोसे छोड़ दिया जाता है. फिलहाल साहिबगंज के किसानों की गुहार सरकार तक पहुंचती है या वहीं... ये देखना दिलचस्प होगा.
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