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जनता से रिश्ता वेबडेस्क : पब्लिक स्कूलों की तर्ज पर सरकारी स्कूलों में खेल व शारीरिक शिक्षा को बढ़ावा देने का आदेश झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने दिया है। सरकारी स्कूलों में भी बच्चों को विभिन्न समूह में बांट कर हाउसवाइज प्रतियोगिता समेत अन्य कार्यक्रम होंगे। परियोजना ने स्कूलों के लिए खेल से संबंधित मासिक कैलेंडर भी जारी कर दिया है, लेकिन स्कूलों के समक्ष परेशानी खेल मैदान को लेकर है।जिले के एक हजार से अधिक सरकारी स्कूलों के पास अपना खेल का मैदान नहीं है। शारीरिक शिक्षक भी कुछ स्कूलों के पास ही है। ऐसे में हेडमास्टरों को यह चिंता सता रही है कि आखिर शारीरिक शिक्षा कार्यक्रम को स्कूलों में लागू कैसे किया जाए। बताते चलें कि जिले में 1727 स्कूलों में दो लाख से अधिक छात्र-छात्राएं नामांकित हैं।
मामले में परियोजना ने कहा है कि जिन विद्यालयों में खेल का मैदान उपलब्ध नहीं है, उन विद्यालयों के छात्र-छात्राएं अपने शारीरिक शिक्षा के शिक्षक के संरक्षण में निकटतम विद्यालय के खेल मैदान में अथवा सार्वजनिक खेल के मैदान में जाकर खेल का अभ्यास करेंगे।इस पर शिक्षकों का कहना है कि अधिकतर सरकारी स्कूलों के बीच की दूरी एक किमी या उससे अधिक है। सभी स्कूलों के पास सार्वजनिक मैदान की उपलब्धता नहीं है। क्या बच्चे खेलने के लिए प्रत्येक दिन एक किमी की दूरी तय करके या सार्वजनिक मैदान में जाकर खेल का अभ्यास कर पाएंगे।
source-hindustan
Admin2
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