झारखंड

झारखंड: हाटगम्हरिया में डीटीओ की टीम ने पकड़े लौह अयस्‍क से ओवर लोड 10 ट्रक, थाना के किया हवाले

Deepa Sahu
27 Feb 2022 10:33 AM GMT
झारखंड: हाटगम्हरिया में डीटीओ की टीम ने पकड़े लौह अयस्‍क से ओवर लोड 10 ट्रक, थाना के किया हवाले
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हाटगम्हरिया स्थित माइनिंग चेकनाका पर 26-27 फरवरी की मध्य रात्रि जिला ट्रांसपोर्ट विभाग (डीटीओ चाईबासा) की टीम ने अपने अधिकारी के के राज हंस के आदेशानुसार विशेष वाहन जांच अभियान चलाकर लौह अयस्क की ढुलाई में लगे।

Kiriburu: हाटगम्हरिया स्थित माइनिंग चेकनाका पर 26-27 फरवरी की मध्य रात्रि जिला ट्रांसपोर्ट विभाग (डीटीओ चाईबासा) की टीम ने अपने अधिकारी के के राज हंस के आदेशानुसार विशेष वाहन जांच अभियान चलाकर लौह अयस्क की ढुलाई में लगे 10 ट्रकों को पकड़ हाटगम्हरिया थाना पुलिस के हवाले किया. उक्त टीम को गुप्त सूचना मिली थी कि दर्जनों ट्रकें ओडिसा से ओवर लोड लौह अयस्क लेकर चंपुआ–जैतगढ़ होते हाटगम्हरिया चेकनाका के रास्ते अन्यत्र जाने वाली हैं. इसी क्रम में अचानक हाटगम्हरिया में वाहन जांच अभियान चलाकर 10 ट्रकों को पकड़ा गया है.

डीटीओ के के राजहंस ने बताया की हमारी विभाग रोड टैक्स, परमिट, ओवर लोड से जुड़ी मामले की जांच करती है एवं इसी के तहत वाहनों को पकड़ा गया है. सभी ट्रकों का रोड टैक्‍स भी फेल बताया जा रहा है. इस संबंध में हाट गम्हरिया थाना प्रभारी बालेश्वर उरांव ने संपर्क करने पर बताया कि वाहन जांच के दौरान डीटीओ की टीम ने 10 वाहनों को पकड़ हाटगम्हरिया थाना पुलिस के हवाले किया है.

वैध माइनिंग चालान के माध्यम से होता है खेल
विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार उडी़सा के खनन माफिया ने अब लौह अयस्क तस्करी का ट्रेंड में बदलाव किए हैं. ये माफिया अब वैध माइनिंग चालान के माध्यम से ट्रकों पर क्षमता से अधिक अर्थात ओवर लोड लौह अयस्क लेकर हाटगम्हरिया के रास्ते झारखंड व अन्य राज्यों में स्थित विभिन्न प्लांटों को भेज रहे हैं.
अवैध लौह अयस्क की तस्करी में ओडिसा व झारखंड के माफिया
इस अवैध लौह अयस्क की तस्करी में ओडिसा के जोड़ा, बड़बिल आदि शहरों के कुछ बड़े माफिया के अलावे झारखंड के भी कुछ माफिया शामिल हैं. ओवर लोड के अलावे फर्जी चालान से भी अवैध लौह अयस्क उडी़सा से हाटगम्हरिया के रास्ते चोरी-छुपे अन्य प्लांटों में भेजी जा रही है. यह पूरा खेल बहुत हीं शातिर अंदाज में तथा सुनियोजित तरीके से खेला जा रही है जिसे इससे संबंधित विभाग के अधिकारी हीं पकड़ सकते हैं.
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