झारखंड

झारखंड : नक्सलियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन में जुटे CRPF के एसआई का निधन

Manish Sahu
29 Aug 2023 4:24 PM GMT
झारखंड : नक्सलियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन में जुटे CRPF के एसआई का निधन
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झारखंड: गुमला जिले के बिशुनपुर थाना क्षेत्र के जोरी CRPF कैंप में पदस्थापित सीआरपीएफ 158 बटालियन के एसआई धीरा सिंह रावत(53 वर्ष) की नक्सल विरोधी अभियान के दौरान तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई. क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियान के दौरान अचानक तबीयत बिगड़ने की शिकायत पर साथी जवानों ने आनन-फानन में इलाज के लिये सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया. जहां चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिए गुमला सदर अस्पताल भेज दिया. यहां इलाज के क्रम में मौत हो गयी. डॉक्टरों के अनुसार हर्ट अटैक से जवान की मौत हुई है.
घटना के संबंध में बताया जाता है की सीआरपीएफ 158 बटालियन के द्वारा लोहरदगा व गुमला के सीमावर्ती इलाकों में लगातार नक्सलियों के खिलाफ खिलाफ नक्सल विरोधी अभियान चलाया जा रहा है. इसी के तहत कंपनी के द्वारा नक्सल विरोधी अभियान जंगलों में चलाया जा रहा था. इस दौरान अचानक एसआई धीरा सिंह रावत गिर कर बेहोश हो गए और अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई.
एसआई धीरा सिंह रावत राजस्थान के अजमेर जिला के हाथीकेड़ा गांव के रहने वाले थे. घटना की सूचना पर सीआरपीएफ 158 बटालियन लोहरदगा के कमांडेंट राहुल कुमार गुमला सदर अस्पताल पहुंचे. उनके साथ बड़ी संख्या में सीआरपीएफ का जिला पुलिस के जवान व अधिकारी पहुंचे. जिसके बाद डॉक्टरों के द्वारा शव का पोस्टमॉर्टम के बाद उन्हें सीआरपीएफ के द्वारा शस्त्र उल्टा कर अंतिम सलामी दी गयी. इस दौरान पूरा मौहोल गमगीन दिखा. वहीं सलामी के बाद पार्थिव शरीर को रांची होते हुए फ्लाइट से उनके गांव राजस्थान भेजा गया.
अचानक जंगल में बिगड़ गई तबीयत
मौके पर मौजूद सीआरपीएफ 158 बटालियन लोहरदगा कैसे कमांडेंट राहुल कुमार ने बताया कि कंपनी के एसआई धीरा सिंह रावत जो कि कल देर शाम नक्सल विरोधी अभियान में कंपनी के जवानों के साथ सर्चिंग में जंगल में थे. इस दौरान अभियान के क्रम में अचानक से धीरा सिंह रावत की तबियत बिगड़ गयी. जिसके बाद अन्य जवानो के द्वारा उन्हें इलाज के लिए भेजा गया.
सदर अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी. 158 बटालियन के द्वारा उनके पार्थिव शरीर को अंतिम सलामी दी गयी. धीरा सिंह रावत बहुत ही ईमानदार अधिकारी थे. वो कर्तव्य निष्ठा पूर्व अपनी ड्यूटी करते थे. उनके नेतृत्व में कई नक्सल अभियान में सफलता मिली है.
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