झारखंड

झारखण्ड : चंदनकियारी में देश का 5वां सिंथेटिक ट्रैक

Ritisha Jaiswal
23 July 2022 10:09 AM GMT
झारखण्ड : चंदनकियारी में देश का 5वां सिंथेटिक ट्रैक
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झारखंड के बोकारो जिले के अति पिछड़ा प्रखंड के रूप में पहचान रखने वाले चंदनकियारी में झारखंड का पहला सिंथेटिक ट्रैक बनकर तैयार हो गया है

झारखंड के बोकारो जिले के अति पिछड़ा प्रखंड के रूप में पहचान रखने वाले चंदनकियारी में झारखंड का पहला सिंथेटिक ट्रैक बनकर तैयार हो गया है. ऐसे में झारखंड के सभी जिलों के खिलाड़ी इस सिंथेटिक ट्रैक पर तैयारी कर रहे हैं. बोकारो जिले के चंदनकियारी प्रखंड में बने अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्टेडियम में ब्लू सिंथेटिक ट्रैक लगभग बनकर तैयार हो चुका है, जहां झारखंड के 24 जिलों से चयन प्रक्रिया से गुजर कर आए एथलीट, फुटबॉल और आर्चरी के खिलाड़ी यहां अपने सपनों की उड़ान भरने के तैयारियों में जुटे हुए हैं.

झारखंड के अलग-अलग जिलों से आए खिलाड़ी यहां इस ट्रैक पर झारखंड सरकार द्वारा पदस्थापित किए गए एथलीट प्रशिक्षक की देखरेख में सुबह-शाम अभ्यास कर रहे हैं. यहां रहने वाले खिलाड़ी इस सिंथेटिक ट्रैक को देखकर काफी उत्साहित हैं. खिलाड़ियों का कहना है कि खिलाड़ी इस ट्रैक पर प्रैक्टिस कर बेहतर प्रदर्शन करेंगे.
खेल के साथ-साथ खिलाड़ियों की शिक्षा भी फोकस
खिलाड़ियों का कहना है कि इस तरह के झारखंड के पहले सिंथेटिक ट्रैक पर प्रैक्टिस करने में उन्हें बहुत ही अलग तरह का अनुभव हो रहा है. अब वे लोग बेहतर प्रदर्शन कर अपने माता-पिता, जिला, राज्य और देश का नाम आगे बढ़ाने का काम करेंगे. यहां खिलाड़ियों को बोर्डिंग में रखकर उन्हें शिक्षा देने का भी काम किया जा रहा है. सभी खिलाड़ियों का दाखिला सरकारी विद्यालय में किया गया है. इन खिलाड़ियों को बेहतर शिक्षा देने के उद्देश्य ट्यूशन की भी व्यवस्था की गई है.
चंदनकियारी में देश का 5वां सिंथेटिक ट्रैक
खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने वाले कोच नीरज कुमार राय का कहना है कि यह झारखंड का पहला और देश का पांचवा सिंथेटिक ट्रैक है, जो इस चंदनकियारी के स्टेडियम में लगाया गया है. यहां 24 जिलों से आए बच्चे अपना बेहतर करने का प्रयास कर रहे हैं. यहां उन्हें जिस तरह से सुविधाएं मिली हैं, हम कह सकते हैं यह सभी खिलाड़ी आने वाले समय में झारखंड और देश का नाम रोशन करेंगे.
'ओलंपिक में भी पदक जीतेंगे खिलाड़ी'
वहीं रघुवर सरकार में मंत्री रहे स्थानीय विधायक अमर कुमार बाउरी भी अब इस स्टेडियम के बदलते स्वरूप से काफी खुश नजर आ रहे हैं. उनका कहना है कि जो सोच रघुवर सरकार में उन्होंने अपने मंत्री काल में देखी थी. वह अब पूरा हो रहा है. बच्चे राज्य में तो बेहतर करेंगे ही यह लोग इस ट्रैक में अभ्यास कर ओलंपिक में भी पदक लाने का काम करेंगे. बता दें, राज्य सरकार खेल को बढ़ावा देने के लिए जिलों में खेल प्रतियोगिता का आयोजन करती है और इस चयन प्रक्रिया में गुजर कर छात्र अपने-अपने जिलों से चयनित होकर इसी स्टेडियम में प्रशिक्षण लेने आ रहे हैं.


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