झारखंड

झारखंड कैडर के आईपीएस एसएन प्रधान बने एनसीबी के निदेशक, 1988 बैच के तेजतर्रार अधिकारी

Shantanu Roy
11 Nov 2021 4:09 PM GMT
झारखंड कैडर के आईपीएस एसएन प्रधान बने एनसीबी के निदेशक, 1988 बैच के तेजतर्रार अधिकारी
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झारखंड कैडर के आईपीएस एसएन प्रधान एनसीबी के निदेशक बनाए गए हैं. केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने के बाद से एसएन प्रधान एनडीआरएफ के डीजी के पद पर तैनात रहे. आईपीएस एसएन प्रधान झारखंड कैडर के 1988 बैच के तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी हैं.

जनता से रिश्ता। झारखंड कैडर के आईपीएस एसएन प्रधान एनसीबी के निदेशक बनाए गए हैं. केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने के बाद से एसएन प्रधान एनडीआरएफ के डीजी के पद पर तैनात रहे. आईपीएस एसएन प्रधान झारखंड कैडर के 1988 बैच के तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी हैं.


झारखंड कैडर के तेज तर्रार आईपीएस अधिकारी सत्यनारायण प्रधान को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) का निदेशक बनाया गया है. एसएन प्रधान झारखंड कैडर के 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर तैनात एसएन प्रधान को राकेश अस्थाना के दिल्ली पुलिस कमीश्वर बनाए जाने के बाद एनसीबी का प्रभारी निदेशक बनाया गया था. अब उन्हें 31 अगस्त 2024 तक के लिए एनसीबी का नियमित निदेशक बनाया गया है.

एनडीआरएफ के डीजी थे प्रधान
केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने के बाद से एसएन प्रधान एनडीआरएफ के डीजी के पद पर तैनात थे. एनडीआरएफ के डीजी का प्रभार उनसे लेकर गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी अतुल करवाल को दी गई है.


नक्सल अभियान को लेकर रही है विशेषज्ञता
आईपीएस एसएन प्रधान झारखंड में नक्सल अभियान को लेकर बेहतर नेतृत्व के लिए जाने जाते हैं. प्रधान लंबे अरसे तक राज्य में एडीजी ऑपरेशन के पद पर रहे थे. वहीं संयुक्त बिहार में वह कई जिलों के एसपी रह चुके हैं.

कौन हैं आईपीएस एसएन प्रधान

झारखंड कैडर के 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी एसएन प्रधान केंद्र में डीजी रैंक में इंपैनल हो गए हैं. एसएन प्रधान की गिनती झारखंड के तेज तर्रार और ईमानदार अफसरों में होती है. वर्तमान में एसएन प्रधान केंद्र में एनडीआरएफ के डीजी के पद पर पोस्टेड हैं. केंद्र सरकार ने 1985-88 बैच के 28 आईपीएस अधिकारियों को डीजी रैंक में इंपैनल किया है. इसमें झारखंड कैडर के एकमात्र आईपीएस अधिकारी एसएन प्रधान हैं. सत्य नारायण प्रधान झारखंड पुलिस में एडीजी अभियान, सीआईडी एडीजी समेत कई प्रमुख पदों पर रह चुके हैं. वर्तमान में वो एनडीआरएफ के डीजी हैं. एनडीआरएफ में रहते हुए कई हाल में आई कई राष्ट्रीय आपदाओं में उनके बेहतर कामकाज की चर्चा राष्ट्रीय स्तर पर रही है. झारखंड में भी उनके बेहतर कार्यकाल आज भी लोगों के जेहन में है.


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