झारखंड

झारखंड: भाजपा विधायक ने सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव की प्रति फाड़ने पर निलंबित

Deepa Sahu
21 Dec 2021 3:40 PM GMT
झारखंड: भाजपा विधायक ने सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव की प्रति फाड़ने पर निलंबित
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झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र में मंगलवार को ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान भाजपा विधायक मनीष जयसवाल द्वारा अपने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव की प्रति फाड़ देने पर अध्यक्ष ने उन्हें सत्र की।

रांची, झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र में मंगलवार को ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान भाजपा विधायक मनीष जयसवाल द्वारा अपने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव की प्रति फाड़ देने पर अध्यक्ष ने उन्हें सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया। विधानसभाध्यक्ष रवीन्द्र महतो ने हजारीबाग सदर से विधायक जयसवाल को वर्तमान शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया।

वर्तमान सत्र में अब सिर्फ एक दिन शेष है लिहाजा भाजपा विधायक का यह निलंबन एक दिन का ही होगा और बुधवार को विधानसभा का निर्धारित शीतकालीन सत्र समापन हो जायेगा। जयसवाल के निलंबन के बाद भाजपा विधायकों ने सदन में जोरदार हंगामा किया और किसी को भी बोलने नहीं दिया। भाजपा विधायकों ने जयसवाल के निलंबन पर कड़ा विरोध जताया। विधानसभाध्यक्ष के इस फैसले के विरोध में भाजपा विधायकों ने सदन में कई तरह के कागज के टुकड़े फाड़कर उड़ाए। संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने विधानसभा के दस्तावेज की प्रति फाड़ने पर आपत्ति जतायी लेकिन इसका विपक्ष पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। इससे पूर्व झारखंड विधानसभा में आज लगातार चौथे दिन झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) की परीक्षा में हुई कथित हेरफेर का राज्य सरकार द्वारा संज्ञान न लेने पर भाजपा के नेतृत्व में अधिकतर विपक्षी दलों ने विरोध प्रदर्शन जारी रखा। लेकिन इसी दौरान शून्यकाल में ध्यानाकर्षण प्रस्तावों पर चर्चा के प्रारंभ में ही जयसवाल ने न सिर्फ अपने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव की प्रति सदन में यह कहते हुए फाड़ दी कि उन्हें अब इस सरकार से कोई उम्मीद नहीं है लिहाजा अब इस ध्यानाकर्षण को पढ़ने का कोई अर्थ नहीं है बल्कि सदन की कार्यवाही का बहिष्कार भी कर दिया।
जायसवाल के इस कृत्य का कांग्रेस के विधायक प्रदीप यादव ने विरोध किया और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की। उनका समर्थन पहले कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी और फिर समूचे विपक्ष ने किया। यादव पहले झारखंड विकास मोर्चा में थे। सदन के नेता मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी इस कार्य के लिए मनीष जयसवाल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उसके बाद विधानसभाध्यक्ष ने आश्वासन दिया था कि विधायक के खिलाफ इस कृत्य के लिए अवश्य कार्रवाई होगी।
इतना सुनना था कि समूचा विपक्ष अध्यक्ष के आसन के सम्मुख आ गया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगा। दूसरी ओर से सत्ताधारी झारखंड मुक्ति मोर्चा एवं कांग्रेस के विधायक भी अध्यक्ष के आसन के सम्मुख आकर विधायक पर कार्रवाई की मांग करने लगे । इसपर विधानसभाध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही भोजनावकाश के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पूर्व जयसवाल ने आरोप लगाया था कि तीन दिनों से भाजपा विधायक अध्यक्ष के आसन के सामने और सदन के बाहर भी जेपीएससी घोटाले की सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं लेकिन तमाम विरोध के बावजूद सरकार की कान पर जूं ही नहीं रेंग रहा है लिहाजा ऐसी सरकार से अब उन्हें कोई उम्मीद नहीं है। भोजनावकाश के बाद विधानसभा की कार्यवाही प्रारंभ होते ही विधानसभाध्यक्ष रवीन्द्र महतो ने मनीष जयसवाल को शेष सत्र के लिए निलंबित करने के अपने फैसले की जानकारी दी जिसके बाद भाजपा के सभी विधायकों ने हंगामा खड़ा कर दिया और जमकर नारेबाजी की।
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