झारखंड
झारखंड: भोजपुरी व मगही को धनबाद व बोकारो की क्षेत्रीय भाषा की सूची से हटाया, सोरेन सरकार का यू टर्न
Deepa Sahu
19 Feb 2022 3:17 PM GMT
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झारखंड में भाषा विवाद के बाद हेमंत सोरेन सरकार ने धनबाद व बोकारो की क्षेत्रीय भाषाओं की सूची से भोजपुरी व माघी को हटा दिया।
झारखंड में भाषा विवाद के बाद हेमंत सोरेन सरकार ने धनबाद व बोकारो की क्षेत्रीय भाषाओं की सूची से भोजपुरी व माघी को हटा दिया। इसके साथ ही सरकार ने अपने पूर्ववर्ती फैसले से यू टर्न ले लिया है।
झारखंड के कार्मिक व प्रशासनिक सुधार और राजभाषा विभाग ने 24 दिसंबर, 2021 को जारी एक अधिसूचना वापस ले ली। इसमें झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित जिला-स्तरीय पदों की भर्ती परीक्षाओं में शामिल होने के लिए मैट्रिक और इंटरमीडिएट स्तर की इन दो भाषाओं को अनुमति दी गई थी। शुक्रवार को सोरेन सरकार ने नए आदेश के जरिए अधिसूचना को वापस ले लिया। दोनों जिलों के लोग 'झारखंडी भाषा बचाओ संघर्ष समिति' के अंतर्गत आंदोलन कर रहे हैं कि ये भाषाएं इस क्षेत्र में व्यापक रूप से नहीं बोली जाती हैं।
नई अधिसूचना में नए सिरे से क्षेत्रीय और जनजातीय भाषाओं की सूची जारी की गई। इसके तहत धनबाद-बोकारो से भोजपुरी और मगही को हटाने की मांग को लेकर शुरू हुए आंदोलन को देखते हुए सरकार ने इन दोनों जिलों से भोजपुरी-मगही को हटा दिया। इससे पहले राज्य के मंत्री आलमगीर आलम, जेएमएम विधायक सबिता महतो व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने सीएम सोरेन से मुलाकात कर दोनों भाषाओं को सूची से हटाने की मांग की थी।
कहां, कौनसी भाषा शामिल
रांची में अब जनजातीय भाषा में कुड़ुख, खड़िया, मुंडारी, हो, संथाली और क्षेत्रीय भाषा में पंचपरगनिया, उर्दू, कुरमाली, बांग्ला को शामिल किया है। वहीं लोहरदगा में कुड़ुख, असुर, बिरजिया, उर्दू, नागपुरी, गुमला में कुड़ुख, खड़िया, असुर, बरहोरी, बिरजिया, मुंडारी, उर्दू, नागपुरी, सिमडेगा में खड़िया, मुंडारी, कुड़ुख, उर्दु, नागपुरी, पश्चिमी सिंहभूम में हो, भूमित, मुंडारी, कुड़ुख, कुरमाली, उर्दू उड़िया, सरायकेला में संथाली, मुंडारी, भूमिज, हो, पंचपरगनिया, उर्दू, उडिया, बांग्ला और कुरमाली को शामिल किया गया है।
नई सूची में लातेहार में कुड़ुख, असुर, बिरजिया, नागपुरी, उर्दू, मगही, पलामू में कुड़ुख, असुर, नागपुरी, मगही, भोजपुरी, गढ़वा में कुड़ुख, नागपुरी, मगही, उर्दू, भोजपुरी, दुमका में संथाली, माल्टो, खोरठा, बांग्ला, उर्दू, अंगिका, जामताड़ा में संथाली, खोरठा, उर्दू, बांग्ला, अंगिका, साहेबगंज में संथाली, माल्टो, खोरठा, उर्दू, बांग्ला, अंगिका, पाकुड़ में संथाली माल्टो, खोरठा, बांग्ला, उर्दू और अंगिका को जगह मिली है।
सभी जिलों में उर्दू को शामिल किया
गोड्डा में संथाली, माल्टो, खोरठा, उर्दू, अंगिका, बांग्ला, हजारीबाग में संथाली, कुड़ुख, बिरहोरी, नागपुरी, कुरमाली, उर्दू, खोरठा, कोडरमा में संथाली, कुरमाली, उर्दू, खोरठा, चतरा में संथाली, कुड़ुख, मुंडारी, बिरहोरी, नागपुरी, उर्दू, खोरठा, मगही, बोकारो में संथाली, हो, मुंडारी, नागपुरी, कुरमाली, खोरठा, उर्दू, बांग्ला, धनबाद में संथाली, नागपुरी, खोरठा, कुरमाली, उर्दू, बांग्ला, गिरिडीह में संथाली खोरठा, उर्दू, कुरमाली, देवघर में संथाली, खोरठा, अंगिका, उर्दू, बांग्ला, रामगढ़ में संथाली, कुड़ुख, बिरहोरी, नागपुरी, उर्दू, कुरमाली, खोरठा और खूंटी जिले में कुड़ुख, खड़िया, मुंडारी, नागपुरी, पंचपरगनिया, उर्दू और कुरमाली भाषा को मान्यता दी गई है।
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