जनता से रिश्ता वेबडेस्क : झारखंड आंदोलनकारी विश्वनाथ सोरेन कि इलाज के अभाव में लंबी बीमारी के कारण शनिवार की सुबह मौत हो गई, घटना के बाद आंदोलनकारियों में शोक की लहर दौड़ गई। वही आंदोलनकारी तपन दास ने कहा कि 1993 में जब झारखंड अलग राज्य का आंदोलन हो रहा था, तो विश्वनाथ सोरेन की अहम भूमिका रही। इन्होंने झारखंड आंदोलन की मांग को लेकर लंबे समय तक आंदोलन करते रहे। जिसके कारण इन्हें जेल की हवा भी खानी पड़ी।
विश्वनाथ सोरेन क्यों गए जेल
केस नंबर 1081 के तहत 13 सितंबर 1993 को झारखंड अलग राज्य की मांग को लेकर जोरदार आंदोलन चल रहा था, इसी आंदोलन में पोटका के मंगल गोप, विश्वनाथ सोरेन, सीताराम टूडू, तपन दास कूद पड़े इसके बाद पोटका थाना द्वारा इन्हें गिरफ्तार कर 3 महीने तक जेल में रखा गया। इनके ऊपर सीआरपीसी की धारा 107-116( 3) के तहत मामला दर्ज किया गया था. वहीं दुर्भाग्य की बात है कि आज तक सीताराम टूडू को जेल जाने के बाद भी उन्हें पेंशन नहीं मिल पाया है।