झारखंड
Jamshedpur सिवरेज-ड्रेनेज सिस्टम पर जवाब देने को मांगा समय
SANTOSI TANDI
9 Oct 2023 6:23 AM GMT
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सिस्टम पर जवाब देने को मांगा समय
झारखण्ड सिवरेज-ड्रेनेज का काम पूरा करने के लिए दायर याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए सरकार ने हाईकोर्ट से समय की मांग की. इस आग्रह को स्वीकार करते हुए अदालत ने दो सप्ताह बाद सुनवाई निर्धारित की. सरकार को केंद्र सरकार की ओर से दाखिल शपथपत्र पर अपना पक्ष रखना है. इस संबंध में अरविंदर सिंह देओल ने जनहित याचिका दायर की है.
इस मामले में पूर्व में सुनवाई के दौरान अदालत ने सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए यह बताने को कहा था कि दूसरे, तीसरे और चौथे चरण के कार्य की क्या प्रगति है. रांची नगर निगम की ओर से बताया गया था कि कार्य प्रगति पर है, बरसात के कारण अभी कठिनाई आ रही है. कुछ जगहों पर राष्ट्रीय राजमार्ग ऑथोरिटी के एनओसी नहीं दिए जाने के कारण कार्य में विलंब हो रहा है.
केंद्र सरकार की ओर से शपथ पत्र के माध्यम से अदालत को बताया गया है कि केंद्र सरकार इस योजना में अब कोई राशि नहीं देगी. केंद्र सरकार ने पूर्व में राज्य सरकार को 60 करोड़ रुपए दिए थे, लेकिन राज्य सरकार ने उपयोगिता प्रमाण पत्र केंद्र सरकार को नहीं दिया. इस योजना को वर्ष 2015 में ही बंद कर दिया गया है.
जवाहरलाल नेहरू अर्बन मिशन के तहत शहरी विकास के कार्य के लिए केंद्र सरकार को 60 राशि देनी थी और राज्य सरकार को 40 की राशि खर्च करनी थी.
लोकल फॉल्ट से कई इलाकों में बिजली की आंखमिचौनी
शहर के कई इलाकों में लोकल फॉल्ट के कारण बिजली की आंखमिचौनी चलती रही. विभिन्न इलाकों में 11 केवी फीडरों से जुड़े ट्रांसफारमरों के फ्यूज कटने समेत रखरखाव को लेकर बिजली आती-जाती रही. इससे लोगों को परेशानी हुई.
स्थानीय स्तर पर लाइन के ब्रेक डाउन होने व अन्य तकनीकी खराबी से तीन पावर ग्रिड से शाम के बाद बिजली की आपूर्ति में कमी भी आई. फुल लोड बिजली मिलने के बाद भी नामकुम ग्रिड से शाम छह बजे से पूर्व पांच मेगावाट कम आपूर्ति ली गई. ग्रिड से जुड़े ग्रामीण क्षेत्रों में इससे बिजली प्रभावित होती रही. वहीं हटिया ग्रिड से जुड़े 33 केवी के फीडरों से शाम छह बजे तक सौ मेगावाट लोड रहा. नौ बजे 33 केवी के फीडरों से नौ मेगावाट कम बिजली ली गई. कांके ग्रिड से शाम छह बजे तक 75 मेगावाट बिजली की आपूर्ति होती रही.
इसी ग्रिड से रात 9 बजे और इसके बाद शाम की तुलना में नौ मेगावाट बिजली कम ली गई. बताया गया कि लोकल फॉल्ट से 11 केवी के कई फीडरों से बिजली की आपूर्ति में कमी आई थी.
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