झारखंड
Jamshedpur : विदेशियों को साइबर ठगी का शिकार बनाने वाले गिरोह के सात सदस्य गिरफ्तार
Tara Tandi
23 Jun 2024 11:39 AM GMT
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Jamshedpur जमशेदपुर : एक बार फिर साइबर ठगों ने जमशेदपुर को अपना ठिकाना बनाना शुरू कर दिया है. इसका खुलासा तब हुआ जब जमशेदपुर पुलिस ने गोलमुरी मुस्लिम बस्ती में छापेमारी कर साइबर ठग गिरोह के कुल सात सदस्यों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों में गोलमुरी टुइलाडुंगरी निवासी अमरीक सिंह उर्फ रिंकू, कोलकाता दत्ता लेन निवासी विवेक गुप्ता, कोलकाता बगोई पाड़ा निवासी तनुप दास, हावड़ा निवासी गौरव चौधरी, मनीष चौधरी, संदीप कुमार राम और प्रवीण चौधरी शामिल हैं. पुलिस ने आरोपियों के पास से कुल 13 मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, 7 लैपटॉप चार्जर, 1 स्वीप मशीन और 13 एटीएम कार्ड जब्त किए हैं. हालांकि गिरोह का मुख्य सरगना टेल्को घड़ी पार्क के पास रहने वाला सौरभ कुमार सिन्हा और साइबर क्राइम के लिए जगह उपलब्ध कराने वाला रमीज रजा खान पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. वहीं पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश के लिए छापेमारी कर रही है.
एसएसपी किशोर कौशल को गुप्त सूचना मिली थी कि गोलमुरी में साइबर ठगी का काम किया जा रहा है. सूचना पर बिष्टुपुर थाना में रमीज रजा खान के खिलाफ पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की. इसके बाद बिष्टुपुर थाना प्रभारी उमेश कुमार ठाकुर और गोलमुरी पुलिस ने संयुक्त रुप से मुस्लिम बस्ती स्थित रमीज रजा खान के घर छापेमारी की. मौके से पुलिस ने सातों आरोपियों को रंगेहाथ गिरफ्तार किया. वहीं पुलिस ने मौके से साइबर ठगी में इस्तेमाल होने वाले कई सामान भी जब्त किए. पुलिस सभी को गिरफ्तार कर थाना ले आई जहां पूछताछ करने के बाद सभी को रविवार को जेल भेज दिया गया.
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30-40 हजार रुपए महीना और कमीशन देता था सौरभ
गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस को बताया कि कुछ माह पूर्व ही जमशेदपुर से साइबर क्राइम की शुरुआत की है. यहां रमीज रजा खान के घर पर ठगी का काम चलता था. सभी को यहां रहने के लिए फ्लैट भी दिया गया था. इसके लिए सौरभ 30-40 हजार रुपये प्रतिमाह दिया करता था. इसके अलावा जितने रुपये ठगे जाते थे, उसके बदले कमीशन भी मिलता था. सौरभ का साला दीपू उर्फ गुरदीप सिंह खाने पीने का सामान उपलब्ध कराता था. जिस दिन कोई बड़ी ठगी होती उस दिन शराब की पार्टी भी चलती थी. हावड़ा का रहने वाला दिलीप सौरभ को मैनपावर की सप्लाई भी करता था. ठगी का पैसा सौरभ सिन्हा के पास ऑनलाइन के माध्यम से मंगाया जाता था.
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ऐसे बनाते थे लोगों को अपना शिकार
गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि साइबर ठगी के लिए विदेश के लोगों को शिकार बनाया जाता था. इसमें लंदन के लोगों को ज्यादा शिकार बनाया जाता था. इसलिए शाम 7 बजे से काम शुरू कर दिया जाता था और यह काम सुबह 7 बजे तक चलता था. इसके लिए अमरीक सिंह विदेशियों का डेटा उपलब्ध कराता था. इस दौरान लोगों से इंटरनेट कॉलिंग के माध्यम से संपर्क कर उन्हें अपनी जाल में फंसाकर रिमोट कंट्रोल ऐप (एनी डेस्क, स्पेयर पार्टस एप) से लोगों का मोबाइल क्लोन कर लेते थे. इसके अलावा क्रिप्टो करेंसी और वेस्टर्न यूनियन मनी ग्राम के माध्यम से भी लोगों को ठगी का शिकार बनाया जाता था. अब तक करोड़ों रुपये की ठगी की जा चुकी है. पुलिस ने सभी आरोपियों को जेल भेज दिया है.
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