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जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने शहर में जाम से निबटने के कई महत्वपूर्ण उपाय सुझाए हैं
JAMSHEDPUR : जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने शहर में जाम से निबटने के कई महत्वपूर्ण उपाय सुझाए हैं. इस मामले में उन्होंने पथ निर्माण विभाग के सचिव को एक प्रस्ताव भेजा है ताकि शहर के लोगों को सड़क जाम की समस्या से छुटकारा मिल सके. बता दें कि इस मामले में बीते 22 जुलाई को विधायक सरयू राय की पथ निर्माण सचिव और अभियंताओं के साथ बैठक हुई थी.
यह है कहना
विधायक सरयू राय का कहना है कि उन्हें विभिन्न माध्यमों से पता चला है कि एक फ़्लाई ओवर मानगो, डिमना रोड के राजस्थान भवन से आरम्भ होगा, मानगो चौक पर ओल्ड पुरूलिया रोड में गिरेगा, फिर स्वर्णरेखा नदी पार कर एक तरफ तथाकथित मरीन ड्राइव की ओर तथा दूसरी तरफ़ उपायुक्त कार्यालय की ओर जायेगा. इस पर 250 करोड़ खर्च होंगे. इसके लिए स्थल निरीक्षण करते हुए पथ निर्माण विभाग मुख्यालय के अभियंताओं की टीम की एक तस्वीर भी स्वास्थ्य मंत्री एवं कतिपय स्थानीय अधिकारियों के साथ स्थल निरीक्षण करते हुए समाचार पत्रों में छपी है. अभियंताओं की टीम ने इस परियोजना का नक्शा भी स्थानीय पदाधिकारियों के समक्ष प्रदर्शित किया. सोमवार देर शाम उन्होंने (सरयू राय) इस बारे में विभागीय सचिव से जानकारी लेनी चाही तो बताया गया कि एक सर्वेक्षण टीम जमशेदपुर गई है.
दो महीने पहले का वाकया दिलाया याद
विधायक सरयू राय ने विभागीय सचिव को बताया है कि दो माह पहले इसी तरह की अभियंताओं की एक सर्वेक्षण टीम स्वर्णरेखा पर मौजूद मानगो के दो वर्तमान पुलों के समानांतर एक तीसरा पुल बनाने का सर्वे करने गई थी. उन्होंने इस अवधारणा को अनुपयोगी एवं फिजूलखर्ची बताया था. इसपर स्वास्थ्य मंत्री और उनके शागिर्दों ने उनका जमकर विरोध किया था. उनका पुतला जलाने के साथ अपमानजनक टिप्पणियां की थी. तीसरा पुल परियोजना हेतु सर्वेक्षण मानगो को ट्रैफिक जाम से मुक्त कराने के नाम किया गया था. इस परियोजना का क्या हश्र हुआ, होगा पता नहीं. पर वही हश्र प्रासंगिक परियोजना का भी होने वाला है. मानगो को ट्रैफिक जाम से मुक्त करने के लिये घोषित यह एक हास्यास्पद परिकल्पना है, एक अनुपयोगी एवं फिजूलखर्जी वाली सोच है. अभियांत्रिकी कसौटियों पर भी यह खोटा साबित होगी. विडम्बना है कि सरकार के योग्य अभियंताओं ने किसी अस्वस्थ एवं असंतुलित दिमाग की ऐसे घटिया राजनीतिक फितूर को सर्वेक्षण लायक समझा और घटनास्थल पर पहुंच गये. उन्हें पहले ट्राफिक सर्वे करना चाहिए था. यातायात की प्रकृति और घनत्व पर गहन मंथन करना चाहिए था. अंतर्विभागीय विमर्श करना चाहिए था. तब किसी समुचित निष्कर्ष पर पहुंचना चाहिये था, न कि दौड़कर सर्वे के लिए पहुँच जाना चाहिए था. वस्तुतः सर्वेक्षण के इस प्रयास का दुरूपयोग राजनीतिक प्रचार पाने के लिए हुआ है. वस्तुतः यह परियोजना परिकल्पना सुविधा एवं निहित स्वार्थ की राजनीति द्वारा विकास परियोजनाओं के अभियांत्रिक एवं आर्थिक पहलुओं पर प्रतिकुल प्रभाव डालने वाली निरर्थक एवं निष्फल कवायद सिद्ध होगी.
समेकित योजना पर विचार की सलाह
पथ निर्माण विभाग को मानगो सहित जमशेदपुर, जुगसलाई, गोविन्दपुर, परसुडीह बागबेडा आदि क्षेत्रों पर बढ़ रहे ट्रैफिक दबाव को नियंत्रित करने के लिये समेकित योजना पर विचार करना चाहिये. जमशेदपुर को पूर्वी एवं पश्चिमी भाग में बाँटकर देखने वाली राजनीतिक सोच ने पहले भी इस क्षेत्र का भारी अहित किया है और आज भी कर रही है. जमशेदपुर का पूर्वी एवं पश्चिमी में विभाजन कर देखना एक राजनीतिक सोच हो सकती है, विकास मूलक दृष्टिकोण नहीं. पथ परिवहन अधोसंरचना की दृष्टि से इस क्षेत्र के लिये एक समन्वित एवं व्यापक दृष्टिकोण की जरुरत है.
ये उपाय सुझाए
मानगो का जाम मुक्त करने के लिए शहीद खुदीराम बोस चौक पर एक कम उंचाई एवं आकर्षक डिजाइन का फ्लाइओवर बने.
मानगो पुल के जमशेदपुर छोर के गोलचक्कर पर भी एक कम ऊंचाई और आकर्षक डिजाइन का फ्लाइओवर बने.
शंकोसाई रोड 5 को चौड़ा कर मानगो में एनएच-33 के समानांतर यातायात निकास पथ बने.
लिट्टी चौक, भुइयांडीह से स्वर्णरेखा नदी पर पुल एवं डीपीएस होकर एनएच-33 तक पहुंच पथ बने.
बिष्टुपुर गोलचक्कर पर एक डिजाइनर फ्लाई ओवर बने.
भालूबासा क्षेत्र में यातायात सघनता की समस्या से छुटकारा के लिए फ़्लाई ओवर बने.
टेल्को-गोविंदपुर (अन्ना चौक-पीपली) फ्लाई ओवर का लंबित कार्य आरम्भ हो.
तथाकथित मरीन ड्राइव पर सोनारी-डोबो स्वर्णरेखा पुल के समीप एक फ्लाई ओवर बने तथा डोबो-कांदरबेडा पथ को फोर लेन किया जाय.
साकची-बारीडीह पथ पर यातायात सुगम बनाने की बाधाएं समाप्त की जाय.
होटल अलंकार के सामने से खरकई नदी के दाहिने तट से होते हुए भाटिया पार्क टॉल ब्रिज तक जाने वाले लंबित पथ परियोजना का क्रियान्वयन.
इन सभी कार्यों में एक प्रमुख स्टेक होल्डर के नाते टाटा स्टील लिमिटेड की आर्थिक एवं परामर्शी सहभागिता भी सुनिश्चित कराई जाय.
Rani Sahu
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