झारखंड

जमशेदपुर : खासमहल की जमीन पर बस गई कई बस्ति‍यां, लीज रिन्यूअल नहीं होने से राजस्व का नुकसान

Renuka Sahu
19 Oct 2022 1:59 AM GMT
Jamshedpur: Many settlements settled on Khasmahal land, loss of revenue due to non-renewal of lease
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न्यूज़ क्रेडिट : lagatar.in

खासमहल जमीन का मालिकाना हक राज्य सरकार के पास होता है. इसमें सरकारी और रैयती दोनों तरह की जमीन होती है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। खासमहल जमीन का मालिकाना हक राज्य सरकार के पास होता है. इसमें सरकारी और रैयती दोनों तरह की जमीन होती है. पूर्वी सिंहभूम (जमशेदपुर) 60 के दशक में सरकार ने कुछ लोगों और संस्थानों को खासमहल की भूमि लीज पर दी थी. लीज की अनिवार्य शर्त थी, जमीन का हस्तांतरण किसी भी हाल में नहीं कर सकते. लीज के बाद जो भूमि बच गई, वह सरकार के विभिन्न विभागों को हस्तांतरित की गई है. आवासीय उद्देश्य से लीज पर दी गई भूमि का वर्षों से लीज रिन्यूअल नहीं हुआ है. इससे सरकार को राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है.

जमशेदपुर में खासमहल जमीन
कुल जमीन – 373.89 एकड़
लीज पर दी गई- 33.97 एकड़ (आवासीय)
अतिक्रमण – 12.61 एकड़
विभागों को हस्तांतरित -176.39 एकड़
अतिक्रमित एवं परती – 163.53 एकड़
लीजधारियों की संख्या- 84
लीज नवीकरण हुआ -07
लीज नवीकरण नहीं कराने वाले – 56
रद्द किए गए लीजधारियों की संख्या – 21
लीज नवीकरण के लिए आवेदन – 46
अतिक्रमण के मामले -112
इन विभागों को हस्तांतरित है खासमहल भूमि
कृषि उत्पादन बाजार समिति 30.50 एकड़ (कुल प्लॉट 68), पशुपालन विभाग 6.33 एकड़ (कुल प्लॉट 36), मतस्य विभाग 5.28 एकड़ (कुल प्लॉट 13), एटोमिक एनर्जी 20.68 एकड़ (कुल प्लॉट 79), बिहार विद्युत बोर्ड 10.77 एकड़ (कुल प्लॉट 23), प्रखंड सह अंचल कार्यालय एवं आरईओ 19.17 एकड़ (कुल प्लॉट 27), घाघीडीह सेंट्रल जेल 17.74 एकड़ (कुल प्लॉट 18), लघु सिंचाई विभाग 5.00 एकड़ (कुल प्लॉट 02), प्रबंध निदेशक बिस्कोमान 2.00 एकड़ (कुल प्लॉट 01), कृषि विभाग 1.27 एकड़ (कुल प्लॉट 03), डाक तार विभाग 1.06 एकड़ (कुल प्लॉट 03), टीओपी एवं परसूडीह थाना 1.57 एकड़ (कुल प्लॉट 03), एलबीएसएम कॉलेज 14.34 एकड़ (कुल प्लॉट 32), हाई टेंशन (बिजली) 13.34 एकड़ (कुल प्लॉट 09), लीज भूमि 33.97 एकड़ (कुल प्लॉट 73), अतिक्रमित भूमि 12.61 एकड़ (कुल प्लॉट 68), रद्द लीज भूमि 0.82 एकड़ (कुल प्लॉट 23), श्‍मशान भूमि 19.06 एकड़ (कुल प्लॉट 61), परती एवं गोलपहाड़ी 150.92 एकड़ (कुल प्लॉट 139), गृह रक्षा वाहिनी 0.96 एकड़ (कुल प्लॉट 68), सदर अस्पताल 6.50 एकड़.
इन विभागों का नहीं बना कार्यालय
खासमहल की भूमि जिन 21 विभागों को हस्तांतरित की गई, उनमें 20 राज्य सरकार के विभाग हैं. कई विभागों के कार्यालय नहीं बने. उनमें लघु सिंचाई विभाग, गृह रक्षा वाहिनी का मुख्यालय, बिस्कोमान एवं श्‍मशान की घेराबंदी शामिल है. बिस्कोमान ने कोल्ड स्टोरेज का निर्माण कराया, लेकिन संचालन से पहले ही यह भवन खंडहर में तब्दील हो गई. गृह रक्षा वाहिनी को हस्तांतरित जमीन का अतिक्रमण कर मुईगुटू (किताडीह) नामक बस्ती बस गई. कई बार बस्ती को हटाने का प्रयास किया गया. लेकिन भारी विरोध के कारण प्रशासन को पीछे हटना पड़ा. इसी तरह श्‍मशान के लिए चिह्नि‍त 19.06 एकड़ जमीन की घेराबंदी नहीं हो पायी.
बस गई कई बस्तियां
सरकारी विभागों को दी गई जमीन पर धड़ल्ले से अतिक्रमण हुआ है. अंचल कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार खासमहल की 12.61 एकड़ भूमि का अतिक्रमण कर कई बस्तियां बस चुकी हैं. गायत्रीनगर, बाहागढ़, नया बस्ती, झारखंडनगर, मुईगुटू, (किताडीह), चारखंबा बस्ती, राधा कॉलोनी (2017 में लीज खत्म) आदि मुहल्ले शामिल हैं. इन मुहल्लों में सरकार की ओर से मुलभूत सुविधाएं भी मुहैया कराई गई है. पीसीसी सड़क, वाटर कनेक्शन, बिजली कनेक्शन, सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत अन्य नागरिक सुविधाएं शामिल है.
आवासीय भूमि का व्यवसायिक इस्तेमाल
नियमानुसार आवासीय लीज भूमि का इस्तेमाल केवल आवासीय ही हो सकता है. अगर कोई व्यवसायिक इस्तेमाल करता है तो इसे गैर कानूनी माना जायेगा. ऐसी स्थिति में लीज रद्द करने का प्रावधान है. टाटा-हाता मेन रोड के किनारे बने आवासीय परिसरों का व्यवसायिक इस्तेमाल किया जा रहा है. खासमहल चौक से करनडीह चौक के बीच दर्जनों व्यवसायिक प्रतिष्ठान भाड़े पर लगाए गए हैं. अंचल कार्यालय के पास स्थित आवासीय परिसर का स्वरूप बदलकर दुकानें संचालित की जा रही है.
2018 में लीज नवीकरण नीति में किया गया बदलाव
खासमहल भूमि के लीज नवीकरण के पुराने प्रावधानों (लगान तथा सलामी राशि) को 9 जनवरी 2018 को बदला गया है. नई नीति में आवासीय भूमि के नवीकरण के समय लीज भूमि के बाजार मूल्य का पांच प्रतिशत नवीकरण सलामी तथा 0.5 प्रतिशत वार्षिक लगान जमा करना होगा. व्यवसायिक भूमि के नवीकरण के समय लीज भूमि के बाजार मूल्य का 10 प्रतिशत नवीकरण सलामी तथा 01 प्रतिशत वार्षिक लगान का भुगतान करना होगा. दोनों किस्म की भूमि का 30 वर्षों का लगान वार्षिक किस्त में देय होगा. जबकि 30 वर्षों की सलामी राशि एकमुश्त देय होगी. जबकि शर्तों का उल्लंघन के बाद नवीकरण के दौरान उपरोक्त भुगतान के अतिरिक्त 10 प्रतिशत अधिभार चुकाना होगा.


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