झारखंड

Jamshedpur : गर्भवती गायों की मौत के लिए प्रबंधन दोषी, होगी कार्रवाई – राजीव रंजन

Tara Tandi
11 Aug 2024 1:27 PM GMT
Jamshedpur : गर्भवती गायों की मौत के लिए प्रबंधन दोषी, होगी कार्रवाई – राजीव रंजन
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Jamshedpur जमशेदपुर : जुगसलाई गोशाला में बीते दिनों तीन गायों की मौत मामले ने तूल पकड़ लिया है. मरने वाली गायों में एक-दो गर्भवती भी थी. इसकी जानकारी गो-सेवा आयोग को मिली. इसके बाद रविवार को आयोग के अध्यक्ष राजीव रंजन व उपाध्यक्ष राजू गिरि ने गोशाला परिसर का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान दोनों ने गायों के रखने के लिए बने शेड, भवन निर्माण के लिए खोदे गए गड्ढे, वहां बने भवनों का इस्तेमाल समेत कई जगहों का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान कई खामियां पायी गईं. आयोग के अध्यक्ष राजीव रंजन ने बताया कि जुगसलाई स्थित टाटानगर गोशाला का संचालन नियम विरूद्ध किया जा रहा है. गो माता की सेवा की बजाय वहां रोजगार को बढ़ावा दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि गोशाला प्रबंधन की ओर से घटना की जानकारी
आयोग को नहीं दी गई.
किसी माध्यम से सूचना मिलने पर आयोग के उपाध्यक्ष ने घटना के बाद मौके का मुआयना किया. वहां की वस्तुस्थिति को देखते हुए केवल मलवा हटाने का निर्देश दिया गया था. लेकिन प्रबंधन की ओर से मलवा के साथ-साथ भवन निर्माण के लिए खोदे गए गड्ढे का कुछ हिस्सा भरकर बैरिकेडिंग कर दिया गया. उन्होंने कहा कि रजिस्ट्रेशन नियमावली में किसी तरह का निर्माण कार्य अथवा परिवर्तन आयोग अथवा सक्षम प्राधिकार की अनुमति के बिना नहीं कराया जा सकता है, लेकिन यहां नियमों की अनदेखी कर भवन निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया गया. इसके लिए ठेकेदार भी बराबर का दोषी है. गोशाला प्रबंधन एवं ठेकेदार के बीच हुए एग्रीमेंट की कॉपी मांगी गई है. साथ ही नोटिस भेजकर सात दिनों में जवाब देने के लिए कहा गया है. नियम संगत जवाब नहीं मिलने पर गो हत्या निषेध कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी.
आयोग ने प्रबंधन का स्वागत सत्कार नकारा
रविवार को गौ सेवा आयोग की टीम जब टाटानगर गौशाला पहुंची तो वहां गौशाला प्रबंधन समिति के कई लोग मौजूद थे. इस दौरान प्रबंधन के लोगों ने आयोग के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष का स्वागत-सत्कार करना चाहा. लेकिन आयोग के अध्यक्ष राजीव रंजन ने साफ इंकार कर दिया. पुछताछ करने पर संतोषजनक जवाब नहीं देने पर प्रबंधन को फटकार भी लगायी. कहा कि इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी आयोग को अंधेरे में रखा गया. उन्होंने गायों के रख रखाव व व्यवस्था पर सवाल खड़ा किया. प्रबंधन से पुछताछ के दौरान आयोग के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष वीआईपी कुर्सी की वजाय प्लास्टिक की कुर्सी पर बैठे.
तीन गायों की हो गई थी मौत
ज्ञातव्य हो कि 6 अगस्त को गौशाला के बगल निर्माणाधीन मार्केट कंपलेक्स के लिए खोदे गड्ढे की वजह गायों के रहने के लिए बना सेड गिर गया. जिसके कारण उसमें दबकर तीन गायों की मौत हो गई और कुछ गाय घायल हो गई. इस सम्बंध में गौशाला प्रबंधन के सचिव ने कहा था कि लगातार बारिश होने की वजह से ऐसी घटना घटी है, जिसके विजह से मवेशियों की मौत हुई है.
आयोग के दिशा-निर्देश का होगा पालन
टाटानगर गौशाला के अध्यक्ष कैलाश सरायवाला ने बताया कि आयोग के अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के साथ प्रबंधन की वार्ता हुई. जिसमें आयोग ने कई कमियों की ओर ध्यान आकृष्ठ कराया. घटना प्राकृतिक है. इसमें किसी का दोष नहीं है. मार्केट कॉम्प्लेक्स के लिए खोदा गया गड्ढा को जिम्मेवार बताना गलत है. क्योंकि काम कई महीनों से चल रहा था. आयोग का मानक पूरा किया जाएगा.
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