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साथियों ने निकाला मोर्चा
झारखण्ड :32 आदिवासी संगठनों ने कुर्मी को आदिवासी बनाए जाने की मांग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. संयुक्त आदिवासी सामाजिक संगठन, कोल्हान प्रमंडल ने मुख्य सचिव और ट्राइबल रिसर्च इंस्टीट्यूट (टीआरआई) के निदेशक के साथ कुर्मी जाति के प्रतिनिधियों की बैठक की निंदा की है.
संगठन ने इस बैठक का कड़ा विरोध करते हुए आरोप लगाया कि कुर्मी विगत डेढ़ वर्षों से आदिवासी सूची में शामिल होने के लिए रेल और सड़क जाम कर सरकारों पर दबाव बना रहे, जो अनुचित है. संगठन की ओर से सर्किट हाउस में बैठक के बाद वहीं पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में ये बातें कही गईं.
संवाददाताओं को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव, बिहार विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष देवेंद्र नाथ चांपिया और पूर्व सांसद चित्रसेन सिंह को ने कहा कि 32 जनजाति समुदाय को कुर्मी महतो द्वारा ललकारा जा रहा, जबकि सीधे-साधे आदिवासी किसी झंझट में नहीं पड़ना चाहते. इसके बावजूद उन्हें मणिपुर की तरह उकसाया जा रहा है. इससे गृह युद्ध की स्थिति पैदा हो सकती है, इसलिए केंद्र और राज्य सरकार को इस मामले पर तत्काल संज्ञान लेना चाहिए. संगठन ने इस मसले पर 29 अक्टूबर को जमशेदपुर में कुर्मी महतो और उनकी मांग के विरोध में आदिवासियों की बड़ी जनसभा आयोजित किए जाने की घोषणा की है. इस मौके पर जादूनाथ तियु, रामाय पुरती, सुधीर किस्कू, मानिक सिंह सरदार, श्याम सिंह सरदार, जगदीश सरदार, सुदामा हेंब्रम सहित बड़ी संख्या में विभिन्न जनजातियों के प्रतिनिधि मौजूद थे.
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