धनबाद न्यूज़: कोयले के अवैध खनन से हो रहे नुकसान का आकलन करना संभव नहीं है. सदन में एक सवाल के जवाब में कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी की ओर से लिखित जवाब में यह बात कही गई है. मंत्री की ओर से दिए गए जवाब के अनुसार अवैध खनन लॉ एंड ऑर्डर से जुड़ा मुद्दा है. इसे रोकने की जिम्मेदारी राज्य/स्थानीय प्रशासन के अधिकार क्षेत्र में आता है. कोल इंडिया या अनुषंगी कंपनियों द्वारा कोयला उत्पादन के दौरान विभिन्न गतिविधियों के संचालन के लिए नियमों के तहत सभी वैधानिक प्रावधानों का पालन किया जाता है. कोल इंडिया लिमिटेड के लीज-होल्ड क्षेत्रों में कोई अवैध खनन नहीं है. अवैध खनन मुख्यरूप से परित्यक्त खदानों, सुदूर/पृथक स्थानों में स्थित कोयला क्षेत्र में किए जाने की सूचना है.
कोयला मंत्री की ओर से कहा गया है कि कोयले के अवैध खनन के कारण हुए नुकसान का सही-सही उल्लेख करना संभव नहीं है. हालांकि सुरक्षा कर्मियों द्वारा की गई छापेमारी के साथ-साथ संबंधित राज्य सरकार के कानून और व्यवस्था अधिकारियों के साथ संयुक्त छापेमारी के अनुसार पिछले तीन वर्षों के दौरान बरामद कोयले एवं गिरफ्तारी का ब्योरा दिया है. 2022-23 में अवैध खनन के आरोप में 15 को गिरफ्तार किया गया है. इनमें 14 पश्चिम बंगाल एवं एक झारखंड से है. सभी को ईसीएल क्षेत्र में अवैध खनन के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. अवैध खनन के जो आंकड़े दिए गए हैं, वे सभी बंगाल और झारखंड से हैं. अन्य किसी राज्य में कोयले के अवैध खनन से संबंधित आंकड़ा नहीं है. 2022-23 में अवैध खनन से संबंधित जब्त कोयला की कुल मात्रा 1477 टन है. इनमें ईसीएल पश्चिम बंगाल से 117.09 टन, झारखंड स्थित ईसील क्षेत्र से 1344.70 टन तथा सीसीएल 16.16 टन है.
कोयला कंपनियां ये उपाय कर रहीं
● भूमिगत परित्यक्त खदानों के मुहाने पर कंक्रीट की दीवारें बनाई गई हैं.
● ओवरबर्डन की डंपिंग आउटक्रॉप जोन पर की जा रही है.
● संवेदनशील स्थानों पर चेकपोस्ट की स्थापना.
● सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए मौजूदा सुरक्षा/सीआईएसएफ कर्मियों का प्रशिक्षण
● राज्य प्राधिकारियों के साथ निकट संपर्क बनाए रखना.
● टास्क फोर्स के साथ मोबाइल ऐप खनन प्रहरी और एक वेब ऐप कोयला खदान निगरानी और प्रबंधन प्रणाली (सीएमएसएमएस) लांच किया है.