धनबाद: फर्जी डीलर रजिस्ट्रेशन पर धनबाद से कोयले की अंतरप्रांतीय तस्करी हो रही है. यह खुलासा खनन विभाग की जांच में हुआ है. कोयले की तस्करी में दस्तावेजों से इस कदर छेड़छाड़ की जा रही है कि जांच अधिकारियों को भी परेशानी हो रही है. 29 अप्रैल को राजगंज में पकड़ाए दो ट्रकों की जांच में फर्जी दस्तावेज का खेल दिलचस्प है. जरूरी सारे दस्तावेज दोनों ट्रक चालकों ने जांच अधिकारियों को दिखाए. जांच टीम ने जब जेआईएमएमएस पोर्टल पर पड़ताल की तो पता चला कि सर्टिफिकेट ऑफ डीलर रजिस्ट्रेशन ही फर्जी है.
यह मामला गंभीर है. खनन विभाग की ओर से राजगंज थाने में एफआईआर दर्ज करायी गई है. विभाग की ओर से जो जानकारी पुलिस को दी गई है, वह कई गंभीर सवाल खड़ा करती है. कुछ कंपनियों के नाम भी सामने आए हैं, जो फर्जीवाड़े के इस खेल में शामिल हैं. खनन विभाग की ओर से पुलिस से आग्रह किया गया है कि फर्जी दस्तावेज बना कोयला टपाने वाला गिरोह सक्रिय है. पुलिस जांच कर ऐसे शातिर लोगों को सामने लाए.
ट्रक चालकों ने एक-एक कर सभी दस्तावेज दिखाए, सभी फर्जी एफआईआर के अनुसार ट्रक संख्या यूपी54टी-9847 एवं ट्रक संख्या बीआर 27जी-6176 के चालकों ने कांटा स्लिप, टैक्स इनवॉयस, ई-वे बिल एवं डीलर सर्टिफिकेट सब दस्तावेज जांच टीम को दिए. हालांकि परिवहन चालान नहीं था. इसी आधार पर दस्तावेज की जांच की. इसके बाद जेआइआईएमएस पोर्टल से पता चला का डीलर रजिस्ट्रेशन फर्जी है. अब सवाल उठता है कि जब डीलर रजिस्ट्रेशन ही फर्जी तो अन्य दस्तावेज कैसे सही हैं. अब मामला पुलिस के पाले में हैं.
खनन विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दोनों ट्रकों के चालक पहले का जय बहादूर यादव एवं दूसरे ट्रक का सहचालक रवींद्र कुमार के पास से जो जीएसटी बिल है, वह एफबी इंटरप्राइजेज जीएसटीइन20 डी9993एच1 जेडएम के नाम से है. इसके सभी मालिक/संचालक जिनको खनिज व्यापार करने का लाइसेंस नहीं मिला है, वे फर्जी कागजात बना रहे हैं. ऐसे लोगों की तलाश करने को पुलिस को कहा गया है.
जीपीएस से ट्रक लॉक किया जब ट्रक पकड़े गए तो दूसरे ट्रक के शातिर सहचालक ने ट्रक को जीपीएस से लॉक कर दिया. काफी मशक्कत के बाद जांच टीम को लॉक खुलवाने में सफलता मिली. इसके बाद ट्रक को पुलिस को सुपुर्द किया गया. दोनों ट्रकों में लगभग 27 टन कोयला लोड था.