निजी अस्पतालों में इलाज को लेकर रेट चार्ज लगाने का निर्देश
राँची न्यूज़: सदर अस्पताल के सभागार में असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी की अध्यक्षता में क्लीनिकल इस्टैब्लिसमेंट एक्ट 2013 से संबंधित समीक्षात्मक बैठक का आयोजन किया गया. रांची के सभी निजी अस्पताल और नर्सिंग होम के प्रबंधकों के साथ सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार ने एक्ट के विभिन्न बिंदुओं के विषय में प्रबंधकों को जानकारी दी है.
उन्होंने सभी निजी अस्पतालों से विभिन्न इलाज में लगने वाले खर्च को लेकर रेट चार्ट अस्पताल में लगाने को कहा है. इसके अलावा आयुष्मान भारत के तहत किए जाने वाले इलाज की भी लिस्ट लगाने को कहा है, जिससे मरीजों को पता चल सके कि कौन-कौन सी बीमारी का इलाज अस्पताल में होता है. इसके अलावा सिविल सर्जन ने सभी अस्पतालों को निर्देश दिया है कि कोई भी आयुष्मान से संबंधित अस्पताल आयुष्मान कार्ड होल्डर मरीजों को बिना इलाज किए वापस नहीं भेज सकता. अगर वे कार्ड नहीं लाते हैं तो उनका कार्ड अस्पताल में ही बनाने को कहा गया है. ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई की भी बात कही है.
टीबी को लेकर निक्षय मित्र बनाने को कहा: बैठक में अस्पतालों को टीबी उल्मूलन की दिशा में सहयोग करने को कहा गया है. उनसे अपील की गई है कि वे अपनी सामर्थ्य के अनुसार पांच से दस टीबी मरीजों को गोद लें. वे निक्षय मित्र बनें, ताकि टीबी के मरीजों को सही से दवा और पौष्टिक भोजन मिल सके.
बैठक में अस्पतालों और जांच केंद्रों को यह आदेश दिया गया है कि वे पीसीपीएनडीटी एक्ट का किसी भी शर्त पर उल्लंघन नहीं कर सकते. इसके अलावा डॉक्टरों को ही मरीजों का अल्ट्रासाउंड करना होगा. जांच केंद्र में बिना डॉक्टरों की मौजूदगी के अल्ट्रासाउंड नहीं किया जाना चाहिए.