जमशेदपुर न्यूज़: वृक्षों की जड़ों को कंक्रीट और टाइलिंग से ढककर उन्हें नुकसान पहुंचाने संबंधी एक बहुचर्चित मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने फैसला सुनाते हुए जमशेदपुर नोटीफाइड एरिया कमेटी, टाटा मोटर्स तथा टाटा स्टील को तत्काल पेड़ों की जड़ो के आसपास टाइलिंग और कंक्रीट संबंधी कार्यों को रोकने का आदेश दिया है. साथ ही 11 सितंबर 2023 तक सभी वृक्षों की जड़ों को कंक्रीट अथवा टाइलिंग से मुक्त कर शपथ पत्र दायर करने का भी निर्देश दिया है.
ट्रिब्यूनल ने मामले की जांच के लिए जमशेदपुर उपायुक्त के नेतृत्व में एक कमेटी का भी गठन किया है. कमेटी में जमशेदपुर उपायुक्त के अलावा जेएनएसी के विशेष पदाधिकारी, वन क्षेत्र पदाधिकारी तथा झारखंड स्टेट पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड के सीनियर साइंटिस्ट को शामिल किया गया है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की कोलकाता बेंच ने जमशेदपुर के पर्यावरण प्रेमियों की
याचिका पर मुहर लगाते हुए कमेटी का गठन किया है. अधिवक्ता रविशंकर पांडेय ने बताया कि जिन वृक्षों की छाया में हम नित्य व्यायाम एवं अन्य गतिविधियां करते थे, उन्हें गिरता और मरता देखना वास्तव में बड़ा असहज प्रतीत होता था.
यही कारण है कि हमने जनहित याचिका दायर करने का फैसला किया.
मॉर्निंग वॉकर्स के सदस्य ने दायर की थी याचिका
मॉर्निंग वॅाकर्स ग्रुप के सदस्य 75 वर्षीय पर्यावरण प्रेमी अवधेश कुमार पांडेय काफी समय से वृक्षों की जड़ों को कंक्रीट और टाइलिंग से ढककर उन्हें नुक्सान पहुंचाने संबंधी शिकायत जिला प्रशासन एवं सरकार से कर रहे थे. कार्रवाई नहीं होने पर उन्होंने पर्यावरण मामलों के जानकार अधिवक्ता रविशंकर पांडेय के माध्यम से पिछले दिनों नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के समक्ष याचिका दायर की. ट्रिब्यूनल ने उनके तर्कों को सही मानते हुए फैसला सुनाया है.