जमशेदपुर न्यूज़: एमजीएम अस्पताल के गायनिक वार्ड में भर्ती महिला और उसके गर्भस्थ शिशु की मौत के मामले में एसडीओ धालभूम पीयूष सिन्हा ने जांच का निर्देश दिया है.
अखबारों में छपी खबरों के आधार पर अस्पताल के प्रशासक व एसडीओ ने संज्ञान लिया और एमजीएम के अधीक्षक डॉ. रवींद्र कुमार और उपाधीक्षक डॉ. नकुल प्रसाद चौधरी से पूरे मामले की जानकारी ली. इसके बाद मामले में जांच का निर्देश दिया.
एसडीओ ने कहा कि जच्चा-बच्चा की मौत किस परिस्थिति में हुई, इसमें किसी की लापरवाही है या नहीं इसकी जानकारी दें. पांच दिन से भर्ती महिला का किस परिस्थिति में सिजेरियन नहीं किया गया. हर बिंदु पर जांच कर रिपोर्ट दें. एसडीओ के निर्देश के बाद मामले में गायनिक विभाग की एचओडी से अधीक्षक मामले की जानकारी लेंगे. उल्लेखनीय है कि रात बहरागोड़ा निवासी गर्भवती कृष्णा सिट की मौत हो गई थी. पेट में पल रहा उसका बच्चा भी मर गया था. मृतका के पति श्रीकांतो सिट का आरोप है कि 14 से लेकर 19 फरवरी तक डॉक्टर ने उनकी पत्नी का सिजेरियन ऑपरेशन नहीं किया. इस कारण पेट में ही बच्चे की मौत हो गई.
इसके बाद मृत अवस्था में पत्नी को एमजीएम से यह कहकर टीएमएच रेफर कर दिया गया कि उसकी हालत नाजुक है, जबकि एमजीएम में ही पत्नी की मौत हो चुकी थी. जच्चा-बच्चा की मौत के बाद एमजीएम के डॉक्टरों ने संवेदनहीनता दिखाई और लाश ले जाने के लिए प्रमाण-पत्र देने में भी आनाकानी की थी.
अस्पताल प्रबंधन ने 3 सदस्यीय जांच टीम बनाई गई
एसडीओ के निर्देश के बाद एमजीएम प्रबंधन ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है. कमेटी में महिला एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ.शिखा रानी, फिजिशियन डॉ. बलराम झा और सर्जन डॉ. सरवर आलम को रखा गया है. अधीक्षक डॉ. रवींद्र कुमार ने 48 घंटे के भीतर टीम से जांच रिपोर्ट मांगी है, ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके.