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स्कूल सर्विस कमीशन के माध्यम से शिक्षकों की भर्ती ( BengalSSC Scam ) के मामले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के शिक्षा राज्य मंत्री परेश अधिकारी (Mamata Banerjee Minister Paresh Adhikari) पर बड़ा आरोप लगा है. बीजेपी ने आरोप लगाया कि सत्ता का दुरुपयोग कर उन्होंने सिर्फ अपनी बेटी को ही, बल्कि अपने परिवार और रिश्तेदारी से जुड़े 25 सदस्यों को भी सरकारी नौकरी दिलाई है. वह वामपंथी शासनकाल से ही अपने रिश्तेदारों को नौकरी दिलाते आ रहे हैं. दूसरी ओर, परेश अधिकारी बेटी अंकिता अधिकारी पर आरोप लगाने वाली बबीता सरकार ने सीबीआई (CBI) ने दस्तावेज मांगा है. बता दें कि बबीता के आरोप के मद्देनजर ही हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई जांच शुरू हुई है और अंकिता अधिकारी की नौकरी छिन गई है
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार परेश अधिकारी स्वयं प्राथमिक शिक्षक थे. उनकी पत्नी मीरा अधिकारी स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत हैं. उनकी बेटी अंकिता अधिकारी को शिक्षक की नियुक्ति दिलाई, जो फिलहाल हाई कोर्ट के आदेश के बाद बर्खास्त हैं. परेश अधिकारी का बेटा एक निजी मेडिकल कालेज से डाक्टर की पढ़ाई पूरी कर वर्तमान में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में अस्थाई रूप से कार्यरत हैं. कहा जा रहा है कि मंत्री के एक-दो रिश्तेदारों को योग्यता के आधार पर नौकरी मिली थी.
वामपंथी राज से ही रिश्तेदारों को नौकरी दिलाते रहे हैं मंत्री, लगा है आरोप
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार परेश अधिकारी जब वामपंथी शासनकाल में मंत्री थे तो उस समय उनके तीन भाइयों को नौकरी दिलाई थी. उनकी भाभी भी स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत हैं और उनकी भतीजी प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत हैं. उनके एक भाई के चार बेटे हैं. चार में से एक कालेज में क्लर्क है और तीन खाद्य विभाग में कार्य करते हैं. परेश अधिकारी के अन्य एक भाई के दो भतीजे और भतीजी एक प्राथमिक विद्यालय में काम करते हैं. एक अन्य भतीजी एक स्कूल में क्लर्क थी. इसके अलावा परेश अधिकारी के मामा का बेटा कृषि विभाग में कार्यरत हैं. वहीं उनका फुफेरा भाई प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक हैं. फुफेरे भाई की दो बेटियां भी स्कूल टीचर हैं.
हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई कर रही है एसएससी भर्ती घोटाले की जांच
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यही नहीं मंत्री के नाती-पोते भी सरकारी नौकरी कर रहे हैं. कुछ खाद्य विभाग में तो कुछ स्कूलों में. कूचबिहार जिले के भाजपा नेता बिराज बसु ने तृणमूल कांग्रेस पर हमला बोला है. उन्होंने आरोप लगाया कि परेश अधिकारी ने अपने परिवार के 25 सदस्यों को सरकारी नौकरी पर लगाई है. यही कारण है कि वह तृणमूल में भी शामिल हुए और मंत्री बने. अब जाकर इस पूरे मामले का भंडाफोड़ हुआ है. दूसरी ओर, कूचबिहार तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने आरोप को पूरी तरह से निराधार करार दिया है. बता दें कि इस मामले में सीबीआई ने मंत्री से चार बार पूछताछ की है और सीबीआई ने उनके आय-व्यय का भी हिसाब मांगा है.
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