कैंसर के इलाज में भारत, अमेरिका व यूरोप के समकक्ष खड़ा होने को तैयार
न्यूज़ क्रेडिट : lagatar.in
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वर्ष 2015 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने यह घोषणा की थी कि हम कैंसर व डायबिटीज को क्योर करने के करीब हैं. सात साल बाद ही सही भारत भी इस ओर बहुत तेजी से कदम बढ़ा चुका है. इस बढ़ते कदम को रफ्तार देने की शुरुआत जमशेदपुर की धरती से हुई है. आदित्यपुर स्थित राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान जमशेदपुर के मशीन विजन एवं इंटेलिजेंस लैब के तत्वावधान में 20 सितंबर से चल रही छह दिवसीय आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस फॉर एड्रेसिंग प्रॉबलम्स इन ऑन्कोलॉजी विषय पर आयोजित कार्यशाला में यह बात सामने आई. कार्यशाला का विषय कैंसर के इलाज में होने वाली प्रौद्योगिकीय समस्याओं को दूर करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की उपयोगिता थी. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के उद्देश्यों को पूरा करते हुए अंतर विभागीय विषयों के शोध को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने यह पहल की है. कार्यशाला में चिकित्सक, कैंसर पर शोध करने वाले शोधार्थी, उच्च तकनीकी शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधियों ने अपने अनुभवों के साथ-साथ कैंसर के इलाज में सामने आने वाली चुनौतियां पर चर्चा की. आगे भी ऐसी कार्यशालाएं, व्याख्यान जारी रहेंगे, ताकि शोध को बढ़ावा मिले और भारत इस रोग को समाप्त करने में सक्षम हो पाए.