झारखंड

दुष्कर्म मामले में अदालत ने सुनाई इंस्पेक्टर के बेटे समेत तीन को उम्रकैद की सजा, जानें पूरा मामला

Renuka Sahu
29 July 2022 3:51 AM GMT
In the rape case, the court sentenced three, including the inspectors son, to life imprisonment, know the whole matter
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 फाइल फोटो 

झारखंड के जमशेदपुर में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-4 राजेन्द्र कुमार सिन्हा की अदालत ने दुष्कर्म के मामले में पुलिस इंस्पेक्टर के बेटे सहित तीन को ताउम्र कैद की सजा सुनाई है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। झारखंड के जमशेदपुर में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-4 राजेन्द्र कुमार सिन्हा की अदालत ने दुष्कर्म के मामले में पुलिस इंस्पेक्टर के बेटे सहित तीन को ताउम्र कैद की सजा सुनाई है। सजा पाने वालों में कादिम उर्फ अब्दुल, ह्यूम पाइप रोड पुराना जेल चौक का रहने वाले आकाशदीप शर्मा और उलीडीह निवासी मुंगीलाल उर्फ चंदन कुमार साह शामिल हैं।

दोषियों ने कोलकाता के शिवपुर रोड की युवती के साथ अपहरण के बाद मारपीट और सामूहिक दुष्कर्म किया था। उसे एक युवक कोलकाता से जमशेदपुर लाया था और स्टेशन के पास एक होटल में रखा था। इसके बाद अपने दो दोस्तों को बुलाया। उन्होंने भी उसके साथ गलत किया। इससे पहले इन्हें मंगलवार को दोषी करार दिया गया था। मामले में कुल नौ लोगों की गवाही हुई है। मामले में अभियोजन पक्ष से अपर लोक अभियोजक राजीव कुमार पैरवी कर रहे थे।
यह था मामला
पांच अक्तूबर 2018 को युवती ने साकची थाने में दर्ज कराया था। युवती को 30 सितंबर 2018 को कोलकाता से जमशेदपुर यह कहकर लाया था कि वह घुमाने के लिए लेकर जा रहा है। ट्रेन से टाटानगर स्टेशन पर लाने के बाद उसे स्टेशन के पास ही लॉज में लाकर रखे हुए था। इस बीच उसने युवती के साथ तीन बार दुष्कर्म किया था। इस बीच उसके तीन साथी कादिम उर्फ अब्दुल, आकाशदीप और चंदन ने भी युवती के साथ दुष्कर्म किया।
युवती ने मामले में कहा था कि तीन अक्तूबर को तीनों आरोपी एक सफेद रंग की कार लेकर आये और उसे लेकर मानगो पुल के पास गये। यहां पर उसके कान का सोने का टॉप और बैग सभी ने छीन लिया। हाथी घोड़ा मंदिर के पास ले जाकर ईंट-पत्थर से मारकर बुरी तरह से घायल कर दिया। इसके बाद सभी वहां से फरार हो गये। दूसरे दिन पुलिस ने घायल युवती को इलाज के लिए एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया था। पुलिस ने मामले में सीसीटीवी के आधार पर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
यह सजा सुनाई गई
376 डी में आजीवन कारावास मौत होने तक 50 हजार रुपये जुर्माना। 366 में दस साल की सजा। 307 में दस साल की सजा। 379 में तीन साल की कैद। 323 में एक साल की सजा सुनाई गई है।
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