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धनबाद: झारखंड में धनबाद के कोल बोर्ड को-ऑपरेटिव सोसाइटी में अल्पमत में चल रही कमेटी ने अवैध तरीके से नौ लाख रुपए की निकासी कर ली। चार जून को निवर्तमान अध्यक्ष गणेश भुईंया, कार्यकारी सदस्य उमेश कुमार और अब्बास मियां के आवेदन पर प्रखंड सहकारिता प्रसार पदाधिकारी की अनुशंसा पर नौ लाख रुपए का भुगतान कराया गया। कमेटी के सदस्यों ने जिला सहकारिता विभाग में कार्यरत अधिकारियों के रिश्तेदारों को ही गलत ढंग से यह भुगतान किया है।
सोमवार को आयोजित प्रेसवार्ता में निवर्तमान सचिव अरविंद सिंह ने पूरे मामले का खुलासा करते हुए दोषियों पर एफआईआर की मांग धनबाद डीसी से की है। उन्होंने कहा कि दो जून को अध्यक्ष गणेश भुईंया ने अपने सदस्यों के साथ आकर कोल बोर्ड को-ऑपरेटिव में तालाबंदी की थी। इसके दो दिनों बाद चार जून को समिति के खाते से नौ लाख रुपए की अवैध निकासी की है। इसमें एसबीआई आईएसएम ब्रांच के बैंक मैनेजर की भूमिका भी संदिग्ध है।
उन्होंने कहा कि जब हाइकोर्ट ने चुनाव पर रोक लगा रखा है तो फिर किस आधार पर सचिव और कोषाध्यक्ष चुनकर भुगतान कराया गया। प्रभारी सहकारिता प्रसार पदाधिकारी देव शंकर प्रसाद की मिलीभगत से ही अवैध निकासी का खेल रचा गया है। समिति के लैटरपैड में प्रबंध समिति की बैठक दिखाकर उमेश कुमार को फर्जी तरीके से अंतरिक सचिव चुना गया जबकि इनके पास सिर्फ आठ सदस्यों का ही सहमति प्राप्त है। अल्पमत वाली कमेटी को मान्यता देकर प्रखंड सहकारिता प्रसार पदाधिकारी ने भी इस फर्जीवाड़ा में अपनी भूमिका निभाई है। सभी पर एफआईआर दर्ज कराने की मांग की गई है।
अरविंद सिंह ने कहा कि विभाग अगर एफआईआर नहीं कराता है तो वह खुद थाने में एफआईआर करेंगे। इधर कोल बोर्ड को-ऑपरेटिव के अध्यक्ष गणेश भुईंया ने कहा कि फर्जी निकासी का आरोप गलत है। कोर्ट में मामला चल रहा है। इस मामले पर कोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा।
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