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प्रवर्तन निदेशालय ने बताया कि राजेश यादव उर्फ दाहू यादव के कहने पर पंकज मिश्रा व अन्य की मिलीभगत से अवैध रूप से खनन किए गए पत्थर, पत्थर के शिलाखंडों को ले जाने के लिए पोत का संचालन किया जा रहा था।
झारखंड में अवैध खनन, जबरन वसूली आदि की चल रही जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय ने 26 जुलाई को की गई तलाशी के दौरान एक अंतर्देशीय पोत एमवी इंफ्रालिंक-तृतीय को जब्त कर लिया है। इसका साहेबगंज के सुकरगढ़ घाट से बिना अनुमति के अवैध रूप से संचालन किया जा रहा था।
प्रवर्तन निदेशालय ने बताया कि राजेश यादव उर्फ दाहू यादव के कहने पर पंकज मिश्रा व अन्य की मिलीभगत से अवैध रूप से खनन किए गए पत्थर, पत्थर के शिलाखंडों को ले जाने के लिए पोत का संचालन किया जा रहा था। जहाज की अनुमानित लागत करीब तीस करोड़ रुपये है। एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
बता दें कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा को छह दिन की ईडी रिमांड पर भेजा जा चुका है। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 19 जुलाई को पंकज मिश्रा और अन्य को धन शोधन की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। मिश्रा को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद मिश्रा को रांची की एक कोर्ट में पेश किया गया। विशेष पीएमएलए अदालत ने पंकज मिश्रा को छह दिन की रिमांड पर भेज दिया था।
ईडी ने 8 जुलाई को पंकज मिश्रा और उनके सहयोगियों से जुड़े 19 ठिकानों पर साहेबगंज, बरहेट, राजमहल और मिर्जा चौकी में तलाशी ली थी। तब से ईडी ने उन्हें जांच में शामिल होने के लिए बुलाया था, लेकिन खराब स्वास्थ्य का कारण बताते हुए वह दो बार नहीं आए। ईडी उनके दो करीबी सहयोगियों दाहू यादव और बच्चू यादव से पहले ही पूछताछ कर चुकी है।
इससे पहले ईडी ने बताया था कि उसने अवैध खनन मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के करीबी पंकज मिश्रा और अन्य के 37 बैंक खातों में पड़े 11.88 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की है। जब्त की गई राशि मिश्रा, दाहू यादव और उनके साथियों की है। धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत राशि जब्त की गई थी।
ईडी ने झारखंड के साहिबगंज, बरहेट, राजमहल, मिर्जा चौकी और बरहरवार में 19 स्थानों पर तलाशी ली थी, जिसके बाद 8 जुलाई को विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज और 5.34 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी जब्त की गई थी। इस तलाशी अभियान के दौरान ईडी ने कहा कि उसने साइट पर अवैध रूप से संचालित पांच स्टोन क्रशर और बन्दूक के कारतूस भी जब्त किए थे।
100 करोड़ रुपये की आय का भी पता चला
ईडी ने कहा कि अवैध खनन से उत्पन्न अपराध की 100 करोड़ रुपये की आय का भी पता लगाया गया है और इस पर काम किया जा रहा है। इससे पहले मई के महीने में संघीय एजेंसी ने पीएमएलए के तहत मनरेगा घोटाले से जुड़े 36 स्थानों पर तलाशी ली थी जिसके बाद 19.76 करोड़ रुपये नकद जब्त किए गए। इसमें आईएएस पूजा सिंघल और उनके सहयोगियों के परिसर भी शामिल थे। इस मामले में भी ईडी ने कहा कि तलाशी और विभिन्न व्यक्तियों के बयानों के बाद एकत्र किए गए सबूतों सहित जांच के दौरान एकत्र किए गए सबूतों से पता चला है कि जब्त नकदी का बड़ा हिस्सा अवैध खनन से प्राप्त हुआ था और वरिष्ठ नौकरशाहों और राजनेताओं से संबंधित था।
पूजा सिंघल का भी नाम
इस मामले में पूजा सिंघल और चार्टर्ड एकाउंटेंट सुमन कुमार को गिरफ्तार किया गया था और फिलहाल वे न्यायिक हिरासत में हैं। इस मामले में अभियोजन की शिकायत दर्ज कराई गई है। खनन से अवैध रूप से उत्पन्न 36.58 करोड़ रुपये की कुल नकदी और बैंक बैलेंस को ईडी ने मामले में जब्त कर लिया है।