झारखंड

बस स्टैंड का प्रस्ताव पास होते ही शुरू हो गया अवैध कब्जा

Admin Delhi 1
20 May 2023 8:15 AM GMT
बस स्टैंड का प्रस्ताव पास होते ही शुरू हो गया अवैध कब्जा
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जमशेदपुर न्यूज़: अंतरराज्यीय बस अड्डा का प्रस्ताव पास होते ही मानगो नगर निगम क्षेत्र में एनएच किनारे वसुंधरा एस्टेट अपार्टमेंट जाने वाले मोड़ के अगल-बगल अवैध कब्जा शुरू हो गया है. पांच हजार रुपये में दुकान के लिए जगह बेची जा रही है. सब कुछ दिन दहाड़े हो रहा है. पुलिस की गश्ती गाड़ी आती-जाती रहती है, पर जगह घेरने का का काम चलता रहता है.

यह जगह अचानक कीमती हो गई है,क्योंकि इसी चारदीवारी के भीतर अंतरराज्यीय बस स्टैंड का निर्माण होने वाला है. लोगों की भारी आवाजाही होने से बिक्री या कारोबार बढ़ने की सोच के साथ वहां पर दुकानें बनती जा रही हैं. करीब 20 दुकानें बन चुकी हैं और 20 से 25 दुकानों की जगह अभी भी बची हुई है. हालांकि खाली जगह को बांस की मदद से घेराबंदी कर रखा गया है. अतिक्रमणकारियों की लागत बस इतनी सी है. वे चार-पांच बांस की मदद से जगह घेरकर उसकी बिक्री कर रहे हैं. यहां के दुकानदारों ने इतना तो बताया कि उन्होंने पांच-पांच हजार रुपए में जगह खरीदी है, परंतु यह नहीं बताया कि खरीदी किससे है. उनका कहना है कि वे उन्हें नहीं पहचानते हैं. तीन-चार लड़के हैं, जो कभी-कभार दिखते हैं. वे उनका नाम-पता नहीं जानते.

● अब तक बीस दुकानें बनीं, बांस से घेर जमीन की हो रही खरीद-बिक्री

दीवार के सहारे खड़ी हैं बांस से बनी दुकानें

एनएच के बाद और चारदीवारी के बीच में ये दुकानें आबाद हो रहीं हैं. बस स्टैंड की जमीन को सुरक्षित रखने के लिए एनएच किनारे से जो दीवार खड़ी की गई है, उसी के ऊपर बांस रखकर दुकानों की प्लास्टिक और फूस की छत बनाई जा रही हैं. इससे दुकानें खड़ी करने में आसानी हो रही है.

सैलून, गैराज व खाने पीने की दुकानें भी खुल गईं

अतिक्रमण कर जो दुकानें बनाई गईं हैं, उनमें सैलून, बाइक गैराज, खाने-पीने की दुकानें शामिल हैं. फिलहाल इन दुकानों में कोई बिक्री नहीं दिख रही है. उन्होंने भविष्य की उम्मीद में दुकानें खड़ी की हैं. वहीं कई ऐसे दुकान भी हैं, जिसमें दुकानदार भी नहीं दिखते हैं. सिर्फ जगह को घेरने के लिए दुकानें खोल ली गईं हैं.

जल्द अतिक्रमण नहीं हटा तो भविष्य में होगी परेशानी

अभी जो दुकानें बनीं हैं, वह छोटी-छोटी हैं. अभी आसानी से कार्रवाई कर उन्हें हटाया जा सकता है. भविष्य में ये परेशानी का कारण बन सकती हैं. प्रशासन अगर अभी सचेत नहीं हुआ तो ये स्थायी समस्या बन जाएगी.

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