राँची न्यूज़: झारखंड में सरकारी जमीन की बड़े पैमाने पर अवैध जमाबंदी की गयी है. राज्य में अवैध जमाबंदी के 1.75 लाख मामले लंबित हैं. इनमें 362867.38 एकड़ सरकारी जमीन की अवैध जमाबंदी की गयी है. अवैध जमाबंदी के मामलों का तेजी से निष्पादन करने का निर्देश सरकार ने दिया है, लेकिन पिछले एक साल में 6711 मामलों का ही निष्पादन हो सका है.
जानकारों के अनुसार, सरकारी कर्मचारियों की लापरवाही और जमीन दलालों की सांठगांठ से ही सरकारी जमीन की अवैध जमाबंदी की जा रही है. भू-राजस्व विभाग ने सभी जिलों से अवैध जमाबंदी की रिपोर्ट मांगी थी. जिसपर जिलों ने विभाग को रिपोर्ट भेज दी है. फिलहाल जो आंकड़े मिले हैं, वे बेहद चौंकाने वाले हैं. विभाग ने एसडीओ से लेकर अंचल स्तर तक के मामलों का तेजी से निष्पादन करने का निर्देश दिया है. राज्य में जमाबंदी के सबसे अधिक मामले बोकारो में हैं. वहां 96150 एकड़ जमीन पर 50,622 लोगों की जमाबंदी चल रही है. दूसरे नंबर पर चतरा जिला है, यहां 99284.29 एकड़ जमीन पर 35,693 के नाम से अवैध जमाबंदी चल रही है.
एसडीओ और एलआरडीसी स्तर पर 5495 मामले हैं लंबित जिलों में एसडीओ और एलआरडीसी स्तर पर अवैध जमाबंदी के 5495 मामले लंबित हैं. इनमें सबसे अधिक 2599 मामले रांची जिले के हैं. ये आंकड़े एसडीओ और एलआरडीसी स्तर पर सबसे अधिक है. अंचल स्तर पर अवैध जमाबंदी के 1,43,813 मामले लंबित हैं. कुल आंकड़े पर गौर करें तो रांची जिले में 20268.5 एकड़ जमीन से जुड़े 12,786 मामले अवैध जमाबंदी के हैं.
लोगों को चिह्नित कर शुरू की गयी कार्रवाई: भू-राजस्व विभाग के निर्देश के बाद रांची जिले में अवैध जमाबंदी वालों को नोटिस भेज कर कार्रवाई शुरू की गयी है. सभी से जमीन के दस्तावेज पेश करने को कहा गया है. जमीन के दस्तावेज पेश करने के बाद जांच कर कार्रवाई की जा रही है. राज्य के दूसरे जिलों में भी कार्रवाई शुरू करने की प्रक्रिया चल रही है.